लोहिया पर ब्लॉग से मोदी ने कांग्रेस, सपा और महागठबंधन पर साधा निशाना, अखिलेश बोले- सर्टिफिकेट नहीं चाहिए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ब्‍लॉग लिखकर समाजवादी नेता रहे डा. राम मनोहर लोहिया को याद किया है. साथ ही इसी बहाने उन्होंने कांग्रेस और समाजवादी दलों पर करारा हमला बोला है. प्रधानमंत्री ने अपने ब्‍लॉग में मां भारती के अमर सपूतों वीर भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को भी याद किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्‍लॉग में लिखा है- जब कभी भी डॉ. लोहिया संसद के भीतर या बाहर बोलते थे, तो कांग्रेस में इसका भय साफ नजर आता था.


पीएम मोदी ने लोहिया की जंयती पर ब्लॉग लिखकर समाजवादी विचारधारा वाले दलों के कांग्रेस से गठबंधन पर वार करते हुए लिखा है कि जिस गैर-कांग्रेसवाद के लिए लोहिया जीवन भर लड़ते रहे, उसके साथ ही उन्होंने महामिलावटी गठबंधन कर लिया है. पीएम मोदी ने इस ब्लॉग को ट्वीट भी किया है.


पीएम मोदी ने लोहिया का जिक्र कर समाजवादी दलों पर तीखा वार करते हुए कहा था कि आज 130 करोड़ भारतीयों के सामने यह सवाल मुंह बाए खड़ा है कि जिन लोगों ने डॉ. लोहिया तक से विश्वासघात किया, उनसे हम देश सेवा की उम्मीद कैसे कर सकते हैं? जाहिर है, जिन लोगों ने डॉ. लोहिया के सिद्धांतों से छल किया है, वे लोग हमेशा की तरह देशवासियों से भी छल करेंगे.


पीएम मोदी ने समाजवादी पार्टी और आरजेडी जैसे दलों पर वार करते हुए कहा, ‘दुर्भाग्य की बात है कि राजनीति में आज ऐसे घटनाक्रम सामने आ रहे हैं, जिन्हें देखकर डॉ. लोहिया भी विचलित, व्यथित हो जाते. वे दल जो डॉ. लोहिया को अपना आदर्श बताते हुए नहीं थकते, उन्होंने पूरी तरह से उनके सिद्धांतों को तिलांजलि दे दी है. यहां तक कि ये दल डॉ. लोहिया को अपमानित करने का कोई भी कोई मौका नहीं छोड़ते.’


पीएम मोदी ने ओडिशा के वरिष्ठ समाजवादी नेता सुरेन्द्रनाथ द्विवेदी की एक टिप्पणी का जिक्र करते हुए लिखा, ‘डॉ. लोहिया अंग्रेजों के शासनकाल में जितनी बार जेल गए, उससे कहीं अधिक बार उन्हें कांग्रेस की सरकारों ने जेल भेजा. आज उसी कांग्रेस के साथ तथाकथित लोहियावादी पार्टियां अवसरवादी महामिलावटी गठबंधन बनाने को बेचैन हैं. यह विडंबना हास्यास्पद भी है और निंदनीय भी है.’


पीएम मोदी ने लिखा, ‘डॉ. लोहिया वंशवादी राजनीति को हमेशा लोकतंत्र के लिए घातक मानते थे. आज वह यह देखकर जरूर हैरान-परेशान होते कि उनके ‘अनुयायी’ के लिए अपने परिवारों के हित देशहित से ऊपर हैं. डॉ. लोहिया का मानना था कि जो व्यक्ति ‘समता’, ‘समानता’ और ‘समत्व भाव’ से कार्य करता है, वह योगी है. दुख की बात है कि स्वयं को लोहियावादी कहने वाली पार्टियों ने इस सिद्धांत को भुला दिया. वे‘सत्ता’, ‘स्वार्थ’ और ‘शोषण’ में विश्वास करती हैं;. इन पार्टियों को जैसे तैसे सत्ता हथियाने, जनता की धन-संपत्ति को लूटने और शोषण में महारत हासिल है. गरीब, दलित, पिछड़े और वंचित समुदाय के लोगों के साथ ही महिलाएं इनके शासन में खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करतीं, क्योंकि ये पार्टियां अपराधी और असामाजिक तत्त्वों को खुली छूट देने का काम करती हैं.



इस बीच समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पीएम मोदी की टिप्पणी पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि हमें राष्ट्रवाद के लिए बीजेपी से सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है. अखिलेश ने कहा, ‘पीएम और बीजेपी को समाजवाद और सेकुलरिज्म से कोई लेना-देना नहीं है. इन्हें जब भी मौका मिला है, उन्होंने वादों के खिलाफ काम किया है. यह सरकार झूठ के नाम से जानी जाएगी. लोहिया ने जाति तोड़ो आंदोलन चलाया था, लेकिन बीजेपी ने देश में जातिवाद का जहर फैलाने का काम किया.’ उन्होंने कहा, ‘बीजेपी ने तो कहा था कि पिछड़े हमारे गले लग जाएं, लेकिन उन्होंने दलितों और पिछड़ों को दबाकर रख दिया है. न ही नौकरी मिल रही है और न ही न्याय मिल रहा है. बीजेपी हमें राष्ट्रवाद का सर्टिफिकेट नहीं दे सकती है.’


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