Tech Desk: NASA अपने महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष अभियानों में एक और ऐतिहासिक कदम उठाने जा रहा है। Intuitive Machines के IM-2 मिशन के तहत Athena लैंडर को लॉन्च किया जाएगा, जो चंद्रमा की सतह पर पहला लूनर सरफेस कम्युनिकेशन सिस्टम (LSCS) स्थापित करेगा। यह सिस्टम Nokia द्वारा विकसित किया गया है और चंद्र सतह पर संचार नेटवर्क स्थापित करने के लिए पृथ्वी पर उपयोग की जाने वाली सेल्युलर टेक्नोलॉजी का उपयोग करेगा।
चंद्रमा पर मोबाइल नेटवर्क
NASA के इस कदम से अंतरिक्ष में संचार व्यवस्था को नई दिशा मिलेगी। यह नेटवर्क हाई-डेफिनिशन वीडियो स्ट्रीमिंग, कमांड-एंड-कंट्रोल कम्युनिकेशन और टेलीमेट्री डेटा ट्रांसफर को संभव बनाएगा। Nokia Bell Labs Solutions Research के प्रेसिडेंट Thierry Klein के अनुसार, यह नेटवर्क चंद्रमा की कठिन परिस्थितियों जैसे अत्यधिक तापमान, विकिरण और लॉन्च-लैंडिंग के दौरान उत्पन्न झटकों को झेलने में सक्षम होगा।
Also Read -भारत में पेश हुआ AI Lenovo IdeaPad Slim 5 Gen 10, जानें कीमत
‘नेटवर्क इन ए बॉक्स’ टेक्नोलॉजी
Klein ने MIT Technology Review को बताया कि इस नेटवर्क की खासियत इसका ‘नेटवर्क इन ए बॉक्स’ डिजाइन है। इस कॉम्पैक्ट सिस्टम में मोबाइल नेटवर्क से संबंधित सभी आवश्यक कंपोनेंट्स शामिल होंगे, सिवाय एंटेना और पावर सोर्स के। इस टेक्नोलॉजी के तहत चंद्रमा पर Intuitive Machines का Micro-Nova Hopper और Lunar Outpost का MAPP रोवर नेटवर्क से कनेक्ट होंगे। हालांकि, चंद्र रात्रि के कारण यह नेटवर्क कुछ ही दिनों तक कार्य करेगा, लेकिन यह भविष्य के मिशनों के लिए एक आशाजनक शुरुआत होगी।
Artemis प्रोग्राम के लिए महत्वपूर्ण कदम
यह मिशन NASA के Artemis प्रोग्राम की नींव रखता है, जिसका लक्ष्य 2027 तक इंसानों को चंद्र सतह पर वापस लाना है। Nokia का दीर्घकालिक उद्देश्य इस नेटवर्क को विकसित करके चंद्रमा पर स्थायी मानव गतिविधियों का समर्थन करना है। इसके तहत भविष्य में स्पेससूट्स में सेल कम्युनिकेशन को एकीकृत किया जा सकता है।
Also Read – Apple का फोल्डेबल iPhone लॉन्च के करीब! चौंकाने वाली डिटेल्स आई सामने
चंद्रमा की चुनौतियों के अनुरूप डिजाइन
Nokia के इंजीनियरों ने इस नेटवर्क को खासतौर पर अंतरिक्ष की कठिन परिस्थितियों को सहन करने के लिए डिजाइन किया है। यह सिस्टम अत्यधिक रेडिएशन, तापमान के उतार-चढ़ाव और स्पेस ट्रैवल के दौरान झटकों को सहने में सक्षम होगा। Klein के अनुसार, चंद्रमा पर स्थायी तैनाती के लिए विशेष फ्रीक्वेंसी बैंड की आवश्यकता होगी, लेकिन यह नेटवर्क पृथ्वी के 4G और 5G स्टैंडर्ड्स के साथ संगत होगा।
PRIME-1,चंद्रमा पर संसाधनों की खोज
मोबाइल नेटवर्क के अलावा, NASA अपने Polar Resources Ice Mining Experiment 1 (PRIME-1) को भी अंजाम देगा। इस प्रयोग के तहत चंद्रमा की सतह से रेगोलिथ (चंद्र मिट्टी) निकाली जाएगी और उसका विश्लेषण मैस स्पेक्ट्रोमीटर की मदद से किया जाएगा। यह मिशन चंद्र सतह पर पानी और अन्य महत्वपूर्ण तत्वों की खोज में मदद करेगा।NASA का यह मिशन चंद्रमा पर संचार व्यवस्था की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह न केवल अंतरिक्ष अभियानों के लिए संचार को आसान बनाएगा, बल्कि भविष्य में चंद्रमा पर मानव कॉलोनी बसाने की योजनाओं को भी मजबूती देगा।