New Income Tax Bill: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को लोकसभा में आयकर विधेयक-2025 पेश किया। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से अनुरोध किया कि इसे सेलेक्ट कमेटी को भेजा जाए। लोकसभा अध्यक्ष ने इस अनुरोध को स्वीकारते हुए बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेज दिया। जिसके लिए 31 सदस्यीय सेलेक्ट कमेटी का गठन हुआ है। इस कमेटी का चेयरमैन बैजयंत पांडा को बनाया गया है।
31 सदस्यीय सेलेक्ट कमेटी का गठन
इस विधेयक की समीक्षा के लिए 31 सदस्यीय सेलेक्ट कमेटी बनाई गई है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सांसद बैजयंत पांडा को इस कमेटी का चेयरमैन नियुक्त किया गया है।
सेलेक्ट कमेटी के सदस्य
- बैजयंत पांडा (अध्यक्ष)
- निशिकांत दुबे
- जगदीश शेट्टर
- सुधीर गुप्ता
- अनिल बलूनी
- राजू बिस्ता
- एटाला राजेंदर
- विष्णु दयाल राम
- मुकेशकुमार चन्द्रकान्त दलाल
- पी.पी. चौधरी
- शशांक मणि
- भर्तृहरि महताब
- नवीन जिन्दल
- अनुराग शर्मा
- दीपेन्द्र सिंह हुड्डा
- बेनी बेहनन
- विजयकुमार उर्फ विजय वसंत
- अमर सिंह
- एडवोकेट गोवाल कागडा पदवी
- मोहम्मद रकीबुल हुसैन
- लालजी वर्मा
- अधिवक्ता प्रिया सरोज
- महुआ मोइत्रा
- कलानिधि वीरस्वामी
- दग्गुमल्ला प्रसाद राव
- कौशलेन्द्र कुमार
- अरविन्द गणपत सावंत
- सुप्रिया सुले
- रवीन्द्र दत्तराम वायकर
- एन.के. प्रेमचंद्रन
- रिचर्ड वानलालहमंगइहा
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विपक्ष का विरोध
वित्त मंत्री द्वारा विधेयक पेश किए जाने पर विपक्षी दलों ने इसका विरोध किया। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद सौगत राय समेत अन्य विपक्षी नेताओं ने इसे लेकर आपत्ति जताई। हालांकि, लोकसभा ने विधेयक को पेश करने की अनुमति दे दी। इस विधेयक को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 7 फरवरी को मंजूरी दी थी। यह विधेयक छह दशक पुराने इनकम टैक्स एक्ट की जगह लेगा। अब सेलेक्ट कमेटी को अगले सत्र के पहले दिन तक अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी।
नए कानून में धाराओं की संख्या घटी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि नए विधेयक में केवल 536 धाराएं हैं, जबकि मौजूदा इनकम टैक्स एक्ट में संशोधनों के बाद 819 धाराएं हो चुकी हैं। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी और आरएसपी के एन.के. प्रेमचंद्रन ने दावा किया था कि नए बिल में अधिक धाराएं हैं, जिसे वित्त मंत्री ने गलत बताया।
आईसीएआई की प्रतिक्रिया
इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) ने इस विधेयक का स्वागत किया। आईसीएआई का कहना है कि यह नया विधेयक छह दशक पुराने टैक्स सिस्टम को सरल बनाएगा और एमएसएमई विकास को मजबूत करने में मदद करेगा। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। आईसीएआई ने इस विधेयक की समीक्षा के लिए पांच सदस्यीय कमेटी गठित करने का निर्णय लिया है।