यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार ही लोगों की सहूलियत के लिए हर कदम उठा रहे हैं। कोरोना संक्रमण को रोकना और लोगों तक इलाज पहुंचाना उनकी प्राथमिकताओं में से एक है। इसी के अंतर्गत अब सीएम ने आदेश दिए हैं कि सीएमओ, डिप्टी सीएमओ और एडिशनल सीएमओ जैसे वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारियों को ओपीडी में सेवाएं देने को कहा है। ऐसा इसलिए कहा गया है कि क्योंकि हाल ही में कई जगह डॉक्टर्स की कमी की शिकायत सामने आई थी।
ताकि लोगों को न हो दिक्कत
जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने कोविड-19 प्रबंधन के लिए गठित टीम-09 से कहा कि वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारियों के चिकित्सकीय अनुभवों का लाभ लिया जाए। इनका यह प्रयास अन्य चिकित्सकों के लिए प्रेरणादायी होगा। यह व्यवस्था तत्काल प्रभावी करा दी जाए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के सभी अस्पतालों में सेवारत स्टाफ निर्धारित वेशभूषा में ही रहे। ड्रेस पर उनका नाम, पद नाम अवश्य लिखा हो, जिससे मरीज और परिवारीजनों को सुविधा हो। प्रत्येक दशा में चिकित्सकों से प्रशासनिक अथवा प्रबंधकीय कार्य न लिया जाए। इनकी तैनाती केवल चिकित्सकीय कार्य में ही होनी चाहिए।
एमबीए छात्र संभालेंगे मैनेजमेंट
बता दें कि इससे पहले सीएम ने शनिवार को हुई टीम-9 की बैठक में अफसरों को निर्देश दिया कि स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग के अलग-अलग अस्पतालों और कार्यालयों सहित जहां भी चिकित्सकों की तैनाती प्रशासनिक व प्रबंधकीय कार्यो में की गई है, उन्हें तत्काल कार्यमुक्त कर चिकित्सकीय कार्यों में ही लगाया जाए। इसके साथ ही चिकित्सा के अलावा मैनेजमेंट के सभी कामों के लिए एमबीए पास छात्र छात्राओं को मौका दिया जाएगा।
जी हां, यूपी में अब जल्द ही एमबीए पास युवाओं को स्वास्थ्य विभाग में नौकरी करने का मौक़ा मिलेगा। सीएम योगी ने टीम 9 के साथ मीटिंग करके कहा है कि अस्पतालों में अब सीएमओ, अस्पतालों के डायरेक्टर, डिप्टी डायरेक्टर, सीएमएस जैसे पदों पर एमबीए पासआउट छात्र इनका काम संभालेंगे। इस व्यवस्था के लागू होने से प्रदेश में डॉक्टरों की कमी को पूरा करने में मदद मिलेगी।
Also Read: कोरोना के लाखों केस की हो रही थी भविष्यवाणी, योगी के 3T मॉडल ने 1 हजार ला दी मरीजों की संख्या
( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )