भारत सरकार और संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से हाईवे पर होने वाली मौंतों को खत्म करने का फैसला लिया गया है। 2030 तक हादस में मरने वाले लोगों की संख्या आधी करने की योजना बनाई गई है। इसके लिए सभी हाईवे पर पुलिस बल की तैनाती निश्चित करने का प्रस्ताव भेजा गया, जिसे मुख्य सचिव ने मंजूरी दे दी है। मेरठ में एडीजी यातायात (ADG Traffic) ने बताया की यूपी में अब हाईवे पुलिस (Highway Police) भी बना दी जाएगी। अगले 2 महीने में हाईवे पुलिस की ट्रेनिंग कराई जाएगी। इस पुलिस की देखरेख के लिए हाईवे एसपी का पद भी बनाया जाएगा।
एडीजी यातायात ज्योति नारायण सिंह अपने तीन दिवसीय दौरे पर मेरठ जनपद पहुंचे हैं। शहर की बिगड़ी यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने और सड़क हादसों में होने वाली मौतों का आंकड़ा कम करने पर अफसरों से विचार विमर्श किया गया है। एडीजी ने बताया कि यातायात पुलिस की तर्ज पर अब यूपी में हाईवे पुलिस बनाई जाएगी। मुख्य सचिव की तरफ से प्रस्ताव पास कर दिया है। अगले दो माह में हाईवे पुलिस की ट्रेनिंग शुरू करा दी जाएगी। इसके बाद सभी हाईवे पर पुलिस बल तैनात कर दिया जाएगा।
Also Read: औरैया: ड्यूटी पर तैनात सिपाही मोबाइल में खेल रहा था गेम, SP ने अचानक पहुंचकर लगाई क्लास
एडीजी ने बताया कि हाईवे पर होने वाली मृत्यु को खत्म करना है। फिलहाल 2030 तक हादसे में होने वाली मृत्यु के आकड़ा आधा करने का टास्क रखा गया है। सड़कों पर हादसों की संख्या कम करने के लिए लोक निर्माण विभाग और स्वास्थ्य विभाग के साथ संयुक्त बैठक लखनऊ में हो चुकी है। लोक निर्माण विभाग सड़कों में होने वाली परेशानी दूर कराएगा, जबकि स्वास्थ्य विभाग सड़कों पर होने वाले हादसों में तत्काल उपचार दिलाने में मदद करेगा।
एडीजी ज्योति नारायण सिंह ने प्रदूषण को लेकर भी पुलिस और प्रशासनिक अफसरों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि पेट्रोल के 15 साल और डीजल के 10 साल पुराने वाहनों को भी हटाया जाएगा। साथ ही यातायात पुलिस के भी सभी वाहनों का निरीक्षण किया गया है। समय सीमा पूरी होने वाले वाहनों को यातायात पुलिस से भी वापस करा दिया जाएगा। एसपी यातायात से वाहनों की पूरी योजना बनाकर रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए है।
( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुकपर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटरपर भी फॉलो कर सकते हैं. )