उत्तर प्रदेश के चार जिलों के बाद अब गाजियाबाद (Ghaziabad) में भी जल्द पुलिस कमिश्नर प्रणाली (Police Commissioner System) लागू हो सकती है। इस संबंध में सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने अफसरों के साथ बैठक की थी, जिसमें 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहर गाजियाबाद, प्रयागराज, मेरठ और आगरा जिले में कमिश्नरी सिस्टम लागू करने से संबंधित कानून की समीक्षा करने को कहा है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि 12 अप्रैल को चुनाव आचार संहिता हटने के बाद कभी भी इसका ऐलान हो सकता है।
अपराध पर लगाम लगाने की दिशा में सरकार का फैसला
राजधानी लखनऊ, नोएडा, कानपुर और वाराणसी जिले में पहले से ही कमिश्नरी सिस्टम लागू है। इसके सफल परिणाम सामने आने के बाद अब सरकार राज्य के बाकी बड़े शहरों में भी पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू करने पर विचार कर रही है। इसके पीछे एक कारण यह भी बताया जा रहा है कि सरकार इन शहरों में अपराध पर पूरी तरह लगाम लगाना चाहती है। गाजियाबाद में बढ़ते अपराध की वजह से पिछले दिनों पुलिस कप्तान पवन कुमार को निलंबित कर दिया गया था।
पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू होने से होंगे कई बदलाव
गाजियाबाद जिले में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू होने पर जिलाधिकारी और एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट के कई अधिकार पुलिस अफसरों को मिल जाएंगे, क्योंकि यह सिस्टम लागू होने पर पुलिस के अधिकार काफी हद तक बढ़ जाते हैं। कानून व्यवस्था से जुड़े तमाम मुद्दों पर पुलिस कमिश्नर फैसला ले सकते हैं। जिले में जिलाधिकारी के पास अटकी रहने वाली फाइलों पर अनुमति लेने की समस्या खत्म हो जाती है।
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कमिश्नर सिस्टम लागू होते ही एसडीएम और एडीएम को दी गई एग्जीक्यूटिव मैजिस्टैरियल पावर पुलिस को मिल जाती है। इससे पुलिस शांति भंग की आशंका में निरुद्ध करने से लेकर गुंडा एक्ट, गैंगस्टर एक्ट और एनएसए तक लगा सकेगी। अभी इन्हें लगाने के लिए डीएम की सहमति जरूरी होती है।
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