इस बर्खास्त सिपाही ने रची यूपी पुलिस में बग़ावत की साज़िश, लगा रासुका

1861 के पुलिस कानून में बदलाव की मांग करते हुए उत्तर प्रदेश की अनुशासित पुलिस में भी बगावत के सुर बुलंद हो चुके हैं। बीते दिनों पोस्टरबाजी और काली पट्टी बांध कर विरोध जाहिर करने की जो तस्वीरें सामने आईं, उन्हें देखकर हर कोई हैरान रह गया। आला अधिकारियों को यकीन नहीं हो रहा था कि ऐसा भी कुछ हो सकता है। यूपी पुलिस के सिपाहियों को अपने उच्च अधिकारियों के खिलाफ भड़काने के आरोप में बर्खास्त सिपाही बृजेंद्र सिंह यादव को जेल भेजा गया और अब उसपर रासुका लगाने की तैयारी की जा रही है।

 

समाजिक हित के लिए जेल में रहेगा बर्खास्त सिपाही

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, वाराणसी के जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने जेल में बंद बर्खास्त सिपाही बृजेंद्र सिंह यादव के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) की संस्तुति कर दी है। उन्होंने लिखा है कि जेल से बाहर निकलने पर आरोपी बृजेंद्र सिंह द्वारा दोबारा माहौल खराब होने से इंकार नहीं किया जा सकता है, ऐसे में बर्खास्त सिपाही बृजेंद्र सिंह यादव के जेल में ही रहने से समाज का हित है।

 

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बता दें कि बीते दिनों में सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ। इसमें खुद को अराजपत्रित पुलिस वेलफेयर ‘रक्षक कल्याण ट्रस्ट’ का राष्ट्रीय अध्यक्ष बताने वाले बर्खास्त सिपाही बृजेंद्र सिंह यादव को यूपी पुलिस के सिपाहियों से बड़ा आंदोलन करने के लिए शामिल होने की बात करते देखा गया।

 

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इस वीडियो में बर्खास्त सिपाही बृजेंद्र सिंह कहता है कि कर्मचारियों को हमने बोल दिया है, पांच अक्टूबर को काली पट्टी बांधकर विरोध जताएं, 11 अक्टूबर को मेस में हड़ताल करें। इसके बाद बड़े पैमाने पर आंदोलन शुरू किया जाएगा, इसका इतिहास गवाह होगा।

 

धारा 144 का किया उल्लंघन

वाराणसी में धारा 144 लागू होने के बावजूद बर्खास्त सिपाही बृजेंद्र सिंह यादव ने जिला मुख्यालय के बाहर पांच अक्टूबर को सिपाही को भड़काने का काम किया। यही नहीं, राजधानी लखनऊ में हुए एप्पल कंपनी के एरिया मैनेजेर विवेक तिवारी हत्याकांड में शामिल सिपाही के पक्ष में भी बयान दिया था।

 

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बर्खास्त सिपाही पर यह भी आरोप है कि कैंट इंस्पेक्टर के मना करने के बावजूद भी वो जिला मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन और विरोध में नारेबाजी करता रहा। इतना ही नहीं, इस दौरान जिला मुख्यालय के पास से गुजर रहे सिपाहियों को रोक-रोक कर संगठन बनाने के साथ शासन के खिलाफ एकजुट होने की बात करता रहा।

 

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बर्खास्त सिपाही बृजेंद्र सिंह यादव के विवादित बयानों की लिस्ट में एक और बयान भी शामिल है, जिसमें उसने कहा था कि यूपी पुलिस के सिपाही अपराधी का साइकिल से पीछा करें और अपना मोबाइल (सीयूजी नंबर) स्विच ऑफ कर दें। उसने कहा था कि अपराधी भागता है तो भागने दो, अराजकता पैदा होगी तब समझ में आएगा।

 

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