मिलिए आज की ‘झांसी की रानी’ ‘अर्चना जयंत जाटव’ से, थाने में मां और पुलिस दोनों का निभा रहीं फर्ज

झांसी वही जिला है जहां की रानी लक्ष्मीबाई ने अपने बच्चे को पीठ पर बांधकर अंग्रेजों से युद्ध लड़ा था। इस झांसी के थाना कोतवाली में एक बच्ची के साथ अपनी ड्यूटी निभाती महिला कांस्टेबल की तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। रिसेप्शन टेबल पर सोती आठ माह की बच्ची की नाम अनिका है जिसे थाने का स्टाफ खूब प्यार करता है। उसकी पुलिस मम्मी पूरी मुस्तैदी के साथ मां का और पुलिस दोनों का निभाती देखी जा रही हैं।

 

एमए/बीएड कर चुकी हैं कांस्टेबल अर्चना प्रसाद जाटव

बता दें कि मूल रूप से कानपुर के बर्रा निवासी राजेन्द्र प्रसाद जाटव की पुत्री अर्चना जयंत जाटव ने एमए/बीएड कर चुकी हैं। लेकिन पुलिस के अनुशासन और कार्यप्रणाली ने अर्चना को पुलिस की सेवा के लिए प्रेरित किया। ऐसे में साल 2016 में उनका सेलेक्शन उत्तर प्रदेश पुलिस में महिला कांस्टेबल के पद पर हुआ। उन्हें पहली तैनाती झांसी के थाना कोतवाली में मिली।

 

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सूत्र बताते हैं कि महिला कांस्टेबल अर्चना जयंत जाटव की शादी पुलिस की नौकरी से पहले ही मारूति कंपनी के अकाउंट मैनेजर नीलेश जयंत से हुई थी। वह पूरी मुस्तैदी के साथ पुलिस का फर्ज निभाती हैं। जानकारी के मुताबिक, अर्चना की दस वर्ष एक पुत्री कनक और दूसरी छह माह की अनिका है।

 

 

सूत्रों ने बताया है कि अनिका के जन्म लेने के पहले ही अर्चना ने मेटरनिटी लीव ली थी और एक माह पूर्व ही वह अपनी डयूटी पर वापस आयी थी। अनिका अभी महज आठ माह की है जिसकी वजह से वह उसे अकेला नहीं छोड़ सकतीं, ऐसे में अनिका को साथ लेकर ही अपनी ड्यूटी निभा रही हैं।

 

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अर्चना की ड्यूटी पुलिस भर्ती परीक्षा में एक परीक्षा केन्द्र में लगाई गई थी। जब वह कोतवाली से ड्यूटी पर रवाना होने वाली थी तभी कोतवाल उमेश चंद्र त्रिपाठी ने बच्चे को साथ में देख कर उसकी ड्यूटी परीक्षा केंद्र से हटवा कर कोतवाली के रिसेप्शन पर लगा दी थी।

 

कोतवाली थाना स्टाफ ने कराया था मुंडन

बता दें कि अर्चना की ड्यूटी के प्रति निष्ठा को देखते हुए डीआईजी सुभाष सिंह बघेल ने एक हजार का पुरस्कार देकर अर्चना के कार्य की जमकर प्रशंसा भी की। अर्चना ड्यूटी के साथ-साथ अपनी बेटी अनिका का भी ख्याल रखती हैं। इस दौरान अनिका रोती है, मुस्कुराती है और सो भी जाती है। लेकिन अर्चना अपनी ड्यूटी पूरी निष्ठा के साथ निभाती हैं।

 

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अर्चना की कर्त्तव्य के प्रति लगन का यह भी उदाहरण है कि नवरात्रि की ड्यूटी में जब छुट्टियां नहीं थी और काम बहुत अधिक था तब अर्चना ने ड्यूटी के दौरान अपनी लाड़ली का मुंडन संस्कार भी कोतवाली थाने में बने एक मंदिर में करवाया था। इस मुण्डन संस्कार में कोतवाली में तैनात पुलिस स्टाफ ने परिवार की भूमिका अदा की थी।

 

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