मुस्लिम समाज के इस तबके ने किया UCC का समर्थन, कहा- कुछ मौलाना लोगों को कर रहे गुमराह

यूनिफॉर्म सिविल कोड (Unifrom Civil Code) पर चर्चा के बीच पसमांदा मुसलमानों (Pasmanda Muslim) में एक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया. कार्यक्रम में मुस्लिम समुदाय की कई जातियां पहुंचीं. बैठक में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष और पूर्व उपाध्यक्ष शामिल हुए. मंत्री दानिश आजाद ने भी कार्यक्रम में शिरकत की. कार्यक्रम का आयोजन सहकारिता भवन के सभागार में आयोजित किया गया. यूनिफॉर्म सिविल कोड में पर मुसलमानों की सहमति बन रही है.

पसमांदा सम्मेलन में इन मुद्दों पर जताई चिंता

इन सभी जातियों और उपजातियों के नेताओं ने कहा कि कई मौलाना मुसलमानों को डरा धमका रहे हैं कि जो यूसीसी अगर लागू हो गया तो उनका धर्म से छिन जाएगा. वह अपने धर्म के हिसाब से कपड़े नहीं पहन पाएंगे. वह अपने धर्म के हिसाब से शादी नहीं कर पाएंगे. अपने धर्म के हिसाब से पूजा नहीं कर पाएंगे.ऐसा कुछ भी नहीं है. अगर यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होता है तो इससे आपके धर्म पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. या यूनिफॉर्म सिविल कोड है यूनिफॉर्म धर्मकोड नहीं है.

यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने के बाद भी जिसको ईद मनानी है ईद मनाए, जिसको होली मनानी है वह होली मनाए. इसको मस्जिद जाना है जिसको तिलक लगाना है जिसको गुरुद्वारे जाना है वह सब काम अपना पहले जैसे कर सकते हैं. यह सब छोटी-छोटी बातें हैं. चार शादियां, संपत्ति में हिस्सा ,तीन तलाक, हलाला, यह सब सिविल मेटर है. हालांकि सरकार ने अभी इस पर कोई ड्राफ्ट तैयार नहीं किया है. अभी लॉ कमीशन ने 28 जुलाई तक इस पर सुझाव मांगा है, सुझाव देने के बजाय देश में माहौल खराब किया जा रहा है.  उत्तर प्रदेश में मुस्लिमों का वोट अनुपात लगभग 20% है. अभी इसका बड़ा हिस्सा सपा और बीएसपी में बंटा हुआ है.

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