उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने शुक्रवार को एक बड़ा ऐलान किया। जिसके अंतर्गत अब यूपी के तीन और शहरों में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू किया गया। इन शहरों में प्रयागराज, आगरा और गाजियाबाद शामिल थे। यानी कि अब कुल सात जिलों में कमिश्नर प्रणाली लागू हो गई है। इसी क्रम में अब यूपी पुलिस के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने शासन के इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि कमिश्नर प्रणाली से जिलों की कानून व्यवस्था और भी ज्यादा मजबूत होगी।
एडीजी ने की सराहना
जानकारी के मुताबिक, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू होने से जहां एक ओर अपराध में रिकार्ड कमी आई कानून व्यवस्था और बेहतर हुई है। अधिकारियों की संवेदनशीलता और जवाबदेही बढ़ी है। मजिस्ट्रेट की शक्तियां मिलने से कानून व्यवस्था और शांति व्यवस्था बेहतर करने में कामयाबी मिली। माफियाओं के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई। संप्रदायिक व उपद्रवी तत्वों और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने के भी सार्थक परिणाम सामने आए हैं।
काज उन्होंने बताया कि जन शिकायतों के निस्तारण की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। निर्वाचित जन प्रतिनिधियों के साथ समन्वय में सुधार हुआ। राजकीय विभागों के साथ बेहतर तालमेल बनाने में कमिश्नरेट सिस्टम मददगार साबित हुआ है।
लगातार हो रही कार्रवाई
अगर कमिश्नर प्रणाली के अंतर्गत की गई कार्रवाई की मांग करें तो कमिश्नरेट बनने के बाद लखनऊ में 186 माफियाओं को चिह्नित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की गई और 486 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई। गौतमबुद्घनगर में 261 माफिया चिह्नित किए गए और 168 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई है। कानपुर में 689 अपराधियों को चिह्नित करते हुए 7.9 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई और वाराणसी में 863 माफियाओं को चिन्हित कर उनके खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट की कार्रवाई की गई और 19 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई। इसी क्रम में आगे भी जिलों में करवाई जाती रहेगी। ताकि अपराधियों में डर बना रहे।
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