यूपी: बिकरू कांड में शहीद SO और 2 दरोगाओं के परिजनों को राज्यपाल ने दी आर्थिक सहायता, कराई 3 लाख की एफडी

पिछले साल कानपुर में हुए बिकरू कांड की यादें अभी भी ताजा हैं. जिसके बाद शहीद पुलिसकर्मियों को शासन की तरफ से एक एक करोड़ रूपये की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई गयी थी. इसके अलावा आर्म्ड फोर्स संस्थान की ओर से 10-10 लाख रुपये की धनराशि जारी की गई थी. इसमें से सात लाख की राशि तो उनके खाते में भेज दी गयी थी जबकि 3-3 लाख की एफडी बनवाई गयी थी. शुक्रवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आर्म्ड फोर्स संस्थान की ओर से तीन लाख रुपये आर्थिक सहायता राशि से कराई गई एफडी प्रदान की. इस दौरान एक शहीद दरोगा की पत्नी ने भर्ती के लिए उन्हें छूट प्रदान करने की अपील भी की.


राज्यपाल ने सौंपा चेक

जानकारी के मुताबिक, पिछले वर्ष दो जुलाई की रात बिकरू गांव में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकडऩे गई पुलिस टीम पर हमला कर दिया गया था. इसमें सीओ देवेंद्र कुमार मिश्रा, शिवराजपुर थाना प्रभारी महेश यादव समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे. शासन की ओर से उनके आश्रितों को एक-एक करोड़ रुपये की आर्थिक मदद दी गई थी. साथ ही आर्म्ड फोर्स संस्थान की ओर से 10-10 लाख रुपये की धनराशि जारी की गई थी. इसमें से सात लाख रुपये आश्रितों के खातों में आई थी और तीन लाख रुपये का फिक्स्ड टर्म डिपॉज़िट कराया गया.


शुक्रवार को दिवंगत एसओ महेश की पत्नी सुमन, दारोगा अनूप सिंह की पत्नी नीतू और नेबूलाल की पत्नी श्यामा देवी राजभवन पहुंचीं. राज्यपाल ने उन्हें एफडी व उसकी रसीद दी. नीतू ने बताया कि इस दौरान डीजीपी भी मौजूद थेे. उनके सामने उन्होंने दारोगा पद पर नौकरी के लिए शारीरिक दक्षता परीक्षा में छूट देने की मांग की. यह भी कहा कि या फिर उन्हें इसी पद पर किसी विभाग में कार्यालय की नौकरी दी जाए। इस पर राज्यपाल ने भी डीजीपी से वार्ता की है.


ये पुलिसकर्मी हुए थे शहीद

बता दें कि दो जुलाई 2020 की रात बिकरू गांव में गैैंगस्टर विकास दुबे को पकडऩे गई पुलिस टीम पर फायरिंग में सीओ देवेंद्र कुमार मिश्रा, शिवराजपुर थाना प्रभारी महेश कुमार यादव, दारोगा नेबूलाल, मंधना चौकी प्रभारी अनूप कुमार सिंह और चार सिपाही बबलू कुमार, सुल्तान सिंह, राहुल कुमार व जितेंद्र पाल शहीद हो गए थे. इसमें बिल्हौर सीओ देवेंद्र मिश्रा की बड़ी बेटी वैष्णवी मिश्रा ने ओएसडी पद के लिए आवेदन किया था. एक साल तक चली प्रक्रिया के बाद वैष्णवी को नियुक्ति मिल गई है. वहीँ शहीद सिपाही बबलू के छोटे भाई उमेश ने भर्ती के लिए आवेदन किया था. फिजिकल और मेडिकल परीक्षा पास करने के बाद उमेश ने अब खाकी पहन ली है.


दूसरी तरफ शहीद दारोगा नेबूलाल की पत्नी और एसओ महेश यादव की पत्नी ने अपने बेटों की पढ़ाई पूरी होने तक का वक्त मांगा था. दारोगा अनूप की पत्नी नीतू ने दो बार दौड़ परीक्षा में हिस्सा लिया, लेकिन सफलता नहीं मिली है. सिपाही राहुल की पत्नी दिव्या दौड़ परीक्षा पास कर चुकी हैं, लेकिन उनकी लिखित परीक्षा अभी नहीं हुई है. सितंबर में होने की उम्मीद जताई जा रही है. वहीं, सिपाही सुल्तान की पत्नी उर्मिला का आवेदन देर से पहुंचने के कारण अब तक चयन प्रक्रिया शुरू ही नहीं हुई.


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