भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के संगठन चुनाव के बीच उत्तर प्रदेश के नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम को लेकर चर्चा तेज हो गई है। हालाँकि, चुनाव में देरी की वजह से अभी तक इस फैसले पर अंतिम मुहर नहीं लग पाई है। उम्मीद जताई जा रही है कि मार्च महीने के पहले हफ्ते में यूपी बीजेपी अध्यक्ष के नाम का ऐलान हो सकता है। बीजेपी इस समय अपनी रणनीतियों पर ध्यान दे रही है, क्योंकि अगले प्रदेश चुनाव 2027 में होने हैं।
ब्राह्मण और पिछड़े वर्ग के नेताओं पर नजर
बीजेपी के वरिष्ठ सूत्रों का कहना है कि पार्टी इस बार यूपी बीजेपी अध्यक्ष के तौर पर किसी ब्राह्मण नेता को प्राथमिकता दे सकती है। इसके अलावा, दलित और पिछड़े वर्ग से भी नेताओं के नामों पर विचार किया जा रहा है। यह कदम आगामी विधानसभा चुनावों में दलित और पिछड़ी जातियों के समर्थन को ध्यान में रखते हुए उठाया जा सकता है।
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चुनाव में देरी के कारण
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने स्पष्ट किया कि संगठन चुनाव में कोई समस्या नहीं है, बल्कि कुछ समय के लिए प्रक्रिया धीमी हुई थी। दिल्ली विधानसभा चुनाव और महाकुंभ के कारण संगठन चुनावों में देरी आई थी। अब माना जा रहा है कि इन घटनाओं के बाद चुनाव प्रक्रिया में गति आ सकती है।
पीयूष गोयल की अगुवाई में चुनाव प्रक्रिया
सूत्रों के अनुसार, पीयूष गोयल की देखरेख में ही यूपी बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष के नामांकन की प्रक्रिया सम्पन्न होगी। गोयल को इस कार्य के लिए जिम्मेदारी सौंपी गई है, और उम्मीद है कि नामांकन के एक दिन बाद ही नया प्रदेश अध्यक्ष घोषित हो सकता है।
2027 और 2029 के चुनावों की रणनीति
बीजेपी का उद्देश्य आगामी यूपी विधानसभा चुनावों में अपनी मजबूत स्थिति को बनाए रखना है। पार्टी अगले चुनावों में अपनी सफलता के लिए लक्ष्मीकांत जैसी आक्रामकता और केशव प्रसाद मौर्य जैसी नेतृत्व क्षमता वाले नेता को प्रदेश अध्यक्ष के रूप में देखना चाहती है। इसके साथ ही बीजेपी का ध्यान 2029 के लोकसभा चुनावों पर भी है, जहां यूपी से अधिकतम सीटें जीतने का लक्ष्य है। पार्टी की रणनीति आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए बनाई जा रही है।
जेपी नड्डा की भूमिका
भाजपा का नेतृत्व, इतिहास और भविष्यभा
भाजपा के पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष अटल बिहारी वाजपेयी थे, जिन्होंने 1980 से 1986 तक इस पद का कार्यभार संभाला। इसके बाद लाल कृष्ण आडवाणी जैसे नेता भी कई कार्यकालों तक इस पद पर रहे। अब पार्टी में नए नेतृत्व के रूप में बदलाव की प्रक्रिया जारी है, जिससे पार्टी को आगामी चुनावों के लिए और अधिक मजबूती मिलेगी।
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