उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी से गठबंधन टूटने के बाद सुभासपा का हमला लगातार तेज होता जा रहा है। सुभासपा (SBSP) चीफ ओम प्रकाश राजभर के बाद अब उनके बेटे व पार्टी के राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता अरुन राजभर (Arun Rajbhar) भी सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को घेरने में लग गए हैं। सुभासपा ने मंगलवार को सपा पर 2 मामलों को लेकर हमला बोला है। पहला विधान परिषद के उप चुनाव में प्रत्याशी कीर्ति कोल का नामांकन पत्र निरस्त होना और दूसरा सोमवार की रात लखनऊ में सपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. राम गोपाल यादव की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भेंट।
सपा प्रत्याशी कीर्ति कोल का नामांकन पत्र निरस्त होने पर अरुन राजभर ने कहा कि समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव किसी भी चुनाव को लेकर कभी गंभीर नहीं रहते हैं। यह तो अपने सहयोगी दल पर सवाल उठाने में लगे रहते हैं। कीर्ति कोल का नामांकन पत्र निरस्त होने से पता चल गया कि सपा मुखिया कोई तो चुनाव गंभीरता से लड़ लेते।
अरुन राजभर ने कहा कि एमएलसी उपचुनाव में उनकी राजनितिक अपरिपक्वता फिर सामने आ गई है। सपा प्रत्याशी कीर्ति कोल का पर्चा खारिज हो गया है। अखिलेश यादव जी आदिवासी हितैषी होने का ढोंग रचने की जल्दबाजी में अपने प्रत्याशी की आयु देख नहीं पाए। सब जान गए हैं कि यह आदिवासियों को अपमानित करने की साजिश थी जो अब उजागर हो गई।
अब सपा सुप्रीमो श्री अखिलेश यादव जी बतायें कि भाजपा की आत्मा श्री @oprajbhar जी से निकलकर प्रो०रामगोपाल यादव जी में घुस गयी है क्या? श्री अखिलेश यादव जी किस तांत्रिक से अब प्रोफेसर साहब का झाड़फूंक करवायेंगे। यह शिष्टाचार मुलाकात नही है बल्कि प्राण बचाओ मुलाकात है।
— Arun Rajbhar – अरुन राजभर (@ArunrajbharSbsp) August 2, 2022
वहीं, सोमवार की रात लखनऊ में सीएम योगी से उनके सरकारी आवास पर सपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर राम गोपाल यादव की भेंट पर तंज सकते हुए अरुन राजभर ने कहा कि कल रामगोपाल यादव लखनऊ में सीएम योगी आदित्यनाथ से मिले थे। उन्होंने सीएम के सरकारी आवास, पांच कालीदास मार्ग पर जाकर भेंट की। इनके बीच की यह मुलाकात करीब आधा घंटा की थी। अगर यह मुलाकात ओम प्रकाश राजभर तथा मुख्यमंत्री के बीच होती है तो बखेड़ा खड़ा हो जाता है।
अरुन राजभर ने कहा कि राम गोपाल यादव रात के अंधेरे में सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलने गए थे। अगर कार्यकर्ताओं के खिलाफ किसी मामले की बात करने गए थे तो फिर अंधेरे में क्यों गए। अब सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव जी बतायें कि भाजपा की आत्मा श्री ओम प्रकाश राजभर जी से निकलकर प्रोफेसर रामगोपाल यादव जी में घुस गयी है क्या। श्री अखिलेश यादव जी किस तांत्रिक से अब प्रोफेसर साहब का झाड़-फूंक करवायेंगे। यह शिष्टाचार मुलाकात नही है बल्कि प्राण बचाओ मुलाकात है।
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