पूजा करना भगवान के प्रति आस्था, श्रद्धा और विश्वास को दर्शाता है. जब व्यक्ति भगवान की पूजा करता है तो वह सांसारिक मोह-माया को भूल आध्यात्मिक संसार में पहुंच जाता है. हम सभी भगवान की पूजा करते हैं. लेकिन इसके बावजूद भी हमारी कुछ मनोकामनाएं पूर्ण नहीं होती. यह सब पूजा के दौरान जाने-अनजाने में हुई गलतियों के कारण होता है. इसलिए हमें पूजा का सपूंर्ण फल प्राप्त नहीं हो पाता. इसी के चलते शास्त्रों में में पूजा करते समय कई बातों का ध्यान रखने की सलाह दी गई है
पूजा करते समय इन बातों का रखें ध्यान
पौराणिक शास्त्रों के अनुसार, खड़े होकर पूजा करना सही नहीं माना जाता है. इस तरह से पूजा करने पर कोई फल नहीं मिलता. घर पर पूजा करते समय खड़े होकर पूजा न करें और ना ही सीधे जमीन पर बैठकर पूजा करें. पूजा करने से पहले हमेशा आसन बिछाएं और आसन में बैठकर ही पूजा करें.
इसके साथ ही बिना सिर ढके भी पूजा नहीं करनी चाहिए. स्त्री हो या पुरुष पूजा करते समय हमेशा सिर को टुपट्टे या फिर रूमाल से ढकना चाहिए. मान्यता है सिर को ढके बिना पूजा करने से सारा लाभ और पुण्यफल आकाश में चला जाता है.
आसन को जमीन से रखें ऊंचा
मान्यताओं के अनुसार, जहां हम पूजा कर रहे हैं, उस स्थान का फर्श मंदिर के फर्श से ऊपर नहीं होना चाहिए. पूजा एक ऐसी प्रणाली है, जो हमें कुछ समय के लिए इस सांसारिक मोह-माया से हटाकर एक अध्यात्मिक संसार में पहुंचाती है, जहां हमें शांति, सद्भावना और पवित्रता का आभास होता है. ऐसे में पूजा-अर्चना करते समय नियम और पवित्रता को ध्यान में रखें.
पूजा करने की सही विधि
पूजा करते समय हमेशा पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठना चाहिए और अपने दाहिने ओर घंटी, धूप, दीप, अगरबत्ती आदि रखनी चाहिए. पूजा करते समय बाईं ओर पूजन सामग्री जैसे फल फूल, जल का पात्र और शंख रखना चाहिए. इस तरह पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. साथ ही इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखें कि पूजा में जो व्यक्ति बैठा है, उसके माथे पर तिलक ज़रूर लगा हो.
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