RTI से बड़ा खुलासा: कांग्रेस का दावा निकला झूठा, 2016 से पहले नहीं हुई कोई ‘सर्जिकल स्ट्राइक’

बीजेपी और कांग्रेस में सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर छिड़ी के बीच RTI के माध्यम से बड़ा झुलसा हुआ है. दरअसल, जम्मू स्थित एक कार्यकर्ता द्वारा दायर की गई आरटीआई के जवाब में, रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि उन्हें 2016 से पहले भारतीय सेना द्वारा किए गए किसी भी सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में जानकारी नहीं है.


‘इंडिया टुडे’ की खबर के मुताबिक़, रक्षा मंत्रालय द्वारा आरटीआई के जवाब कहा गया है कि उसके पास केवल एक सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में डेटा है जो 29 सितंबर 2016 को उत्तरी कश्मीर में उरी आतंकी हमले के बाद हुई थी.जम्मू के रोहित चौधरी द्वारा दायर आरटीआई में 2004 से 2014 के बीच सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में विवरण मांगा गया था। जवाब में, DGMO के माध्यम से मंत्रालय ने कहा है कि उनके पास केवल 29 सितंबर, 2016 को नियंत्रण रेखा पर सेना द्वारा की गई एक सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में आंकड़े हैं.


आरटीआइ का यह जवाब चुनावी माहौल में कांग्रेस को नुकसान पहुंचा सकता है. इसे कांग्रेस के लिए एक झटके के तौर पर देखा जा रहा है. बता दें कि कांग्रेस ने दावा किया था कि मनमोहन सरकार में कुल छह बार सर्जिकल स्ट्राइक हुई. ये कार्रवाई 2008 से 2014 के बीच हुई.कांग्रेस ने मनमोहन सरकार में हुई सर्जिकल स्ट्राइक की जानकारी ट्विटर पर दी. जिसके मुताबिक पहली सर्जिकल स्ट्राइक 19 जून 2008 को असम राइफल्स, गोरखा रेजीमेंट ने भत्तल सेक्टर, पुंछ में की. दूसरी स्ट्राइक 30 अगस्त और एक सितंबर 2011 को शारदा सेक्टर में राजपूत और कुमायूं रेजीमेंट ने की. तीसरी स्ट्राइक छह जून 2013 को सावन पात्रा चेकपोस्ट पर हुई. चौथी स्ट्राइक 27-28 जुलाई 2013 को नाजपीर सेक्टर में हुई. पांचवा सेक्टर छह अगस्त 2013 को नीलाम वैली में हुई. वहीं छठीं सर्जिकल स्ट्राइक 14 जनवरी 2014 को हुई. 


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