हिंदू धर्म में व्रत त्योहारों का विशेष महत्व माना जाता है, इनमें से एक है संतान सप्तमी का व्रत. हर साल भाद्रपद (Bhadrapad) महीने की शुक्लपक्ष (Shukla Paksha) के सप्तमी (Saptami) तिथि के दिन महिलाएं संतान की सलामती और संतान प्राप्ति की कामना से इस व्रत को करती हैं. अलग-अलग जगहों पर इसे मुक्ताभरण व्रत (Muktabharan Vrat) और ललिता सप्तमी व्रत (Lalita Saptami Vrat) के नाम से भी जाना जाता है. इस साल यह व्रत 22 सितंबर को रखा जाएगा.
संतान सप्तमी व्रत डेट (Santan Saptami 2023 Date)
भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 21 सितंबर 2023 को दोपहर 2 बजकर 14 मिनट से शुरू होगी और 22 सितंबर को दोपहर 1 बजकर 35 मिनट पर समाप्त हो जाएगी. उदयातिथि के अनुसार, 22 सितंबर को संतान सप्तमी का व्रत रखा जाएगा.
संतान सप्तमी 2023 मुहूर्त (Santan Saptami 2023 Muhurat)
ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04 बजकर 35 मिनट से सुबह 05 बजकर 22 मिनट तक
अभिजित मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 49 मिनट से दोपहर 12 बजकर 38 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त- शाम 06 बजकर 18 मिनट से 06 बजकर 42 मिनट तक
अमृत काल- सुबह 06 बजकर 47 मिनट से सुबह 08 बजकर 23 मिनट तक
संतान सप्तमी उपाय (Santan Saptami Upay)
संतान सुख के लिए- संतान सप्तमी के दिन जो महिलाएं बच्चे का सुख नहीं भोग पा रही हैं वह निर्जला व्रत रखकर भोलेनाथ को सूती का डोरा अर्पित करें. संतान सप्तमी की कथा का श्रवण करें, पूजा के बाद इस डोरे को अपने गले में धारण करें. मान्यता है इससे संतान प्राप्ति की राह आसान हो जाती है. निसंतान दंपत्ति को बच्चे का सुख मिलता है.
बच्चे के अच्छे करियर के लिए– संतान की सुख-समृद्धि के लिए इस व्रत को सबसे उत्तम माना जाता है. इस दिन स्त्रियां व्रत रखकर शाम के समय शिव पार्वती को गुड़ से बने 7 पुए का भोग लगाएं. मान्यता है इससे संतान की तरक्की में आ रही बाधाएं खत्म होती है. उसे अच्छी शिक्षा, बेहतर करियर प्राप्त होता है.
संतान को मिलेगी दीर्घायु- संतान सप्तमी पर व्रती सूर्य को अर्घ्य दें और फिर शिव जी को 21 बेलपत्र और माता पार्वती को नारियल चढ़ाएं. मान्यता है कि इस दिन का व्रत करने से संतान की प्राप्ति होती है, संतान दीर्घायु होती हैं और उनके सभी दुखों का नाश होता है.
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