उत्तर प्रदेश के प्रयागराज स्थित उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के बाहर शुक्रवार को हजारों की संख्या में प्रतियोगी छात्रों ने पोस्टर और बैनर के साथ जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान आयोग के खिलाफ नारेबाजी भी की गई। इन छात्रों की मांग है कि परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार के कार्यकाल में हुई भर्तियों को रद्द किया जाए और उनकी जांच सीबीआई से करवाई जाए।
लोक सेवा आयोग के बाहर भारी पुलिस फोर्स तैनात
बता दें कि ये प्रतियोगी छात्र एलटी ग्रेड भर्ती परीक्षा में पेपर लीक मामले को लेकर आक्रोशित हैं। वहीं, लोक सेवा आयोग के बाहर पुलिस और पीएसी के साथ आरएएफ बल की तैनाती कर दी गई है। साथ ही आयोग जाने वाले सभी रास्तों का ट्रैफिक डायवर्ट किया गया है।
जानकारी के मुताबिक, एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर आउट होने के मामले में यूपी लोक सेवा आयोग की परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार को क्राइम ब्रांच और पुलिस की संयुक्त टीम ने गुरुवार को वाराणसी से गिरफ्तार कर लिया। जिसके बाद उन्हें पुलिस अभिरक्षा में 8:30 बजे विशेष न्यायधीश भ्रष्टाचार निवारण लालचंद्र के आवास पर पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जिला जेल भेज दिया गया।
सूत्रों का कहना है कि अब अंजू कटियार के करीबियों पर भी अब शिकंजा कसने की तैयारी की जा रही है। जानकारी के मुताबिक, 29 जुलाई 2018 को वाराणसी में आयोजित एलटी ग्रेड परीक्षा के हिंदी और सामाजिक विज्ञानं का पेपर आउट हुआ था। कोलकाता निवासी अशोक देव चौधरी से पश्चिम बंगाल सीआईडी को मिली इस जानकारी के आधार पर यूपी एसटीएफ ने 27 मई को कोलकाता निवासी प्रिंटिंग प्रेस मालिक कौशिक कुमार को चोलापुर से गिरफ्तार किया। एलटी ग्रेड परीक्षा के पेपर उसके प्रेस में ही छपे थे।
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उसने बताया कि प्रति अभ्यर्थी 5 लाख लेकर उसने 28 जुलाई 2018 को पेपर सॉल्वर गैंग के पास बनारस भिजवाया था। इस काम में अंजू की मिलीभगत थी और उसने उन्हें 26 मई को 10 लाख रुपए दिए थे। इसके अलावा जब भी लोक सेवा आयोग के पेपर छापते थे तो मिलने वाली रकम में वह 5 प्रतिशत कमीशन अंजू को देता था।
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