सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने साल 2023 में पाश्वर्नाथ चैरिटेबल ट्रस्ट और अन्य बनाम अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद और अन्य के मामले में तकनीकी शिक्षा प्रदान करने वाले संस्थानों में शैक्षणिक सत्र में विभिन्न कार्यवाहियों हेतु समयसीमा निर्धारित की थी. शैक्षणिक वर्ष 2023-24 में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम विश्वविद्यालय (Dr APJ Abdul Kalam University) ने यूपी सरकार को संबद्धता एवम अनुमोदन हेतु कागजात प्रेषित किए थे, लेकिन डॉ एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी द्वारा समय से संबद्धता प्रदान नहीं की गई और इस तरह सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय की गई समय सीमा समाप्त हो गई, जिसके कारण सरकार के द्वारा कार्यवाही करने की अधिकारिता ही समापत हो गई.
मौजूदा सत्र 2023-24 में उत्पन्न इस गंभीर स्थिति को देखते हुए एकेटीयू ने समय विस्तार हेतु सर्वोच्च न्यायालय में आवेदन दाखिल किया लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिनांक 21.08.2023 को एकेटीयू के इस आवेदन को निरस्त कर दिया और समय विस्तार करने से इंकार कर दिया. इसके बाद लाखों छात्रों के भविष्य पर विचार करते हुए उत्तर प्रदेश के सभी पोषित संस्थाओं के संगठन टेक्निकल इंस्टीट्यूशंस फाउंडेशन ऑफ उत्तर प्रदेश ने महासचिव डॉ अतुल कुमार जैन के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट के समक्ष सीमा विस्तार हेतु एक आवेदन दायर कर तकनीकी संस्थाओं के संबंध में संबद्धता प्रदान करने की अंतिम तिथि 15.09.2023 तक बढ़ाने और उसके एक महीने बाद् काउंसलिंग की मांग की.
उक्त आवेदन पर बुधवार को सुनवाई हुई और सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार की खंड पीठ ने टेक्निकल इंस्टीट्यूशंस फाउंडेशन, उत्तर प्रदेश द्वारा दायर आवेदन पर समय विस्तार को अनुमति देते हुए तकनीकी संस्थाओं को भी संबद्धता के आदेश के दिनांक से एक माह का समय काउंसलिंग हेतु प्रदान किया है. संबंद्धता प्रदान करने की अंतिम तिथि 15.09.2023 नियत की गई है, इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के 2023 के फैसले द्वारा तय की गई काउंसलिंग की समय सीमा भी एक महीने बढ़ा दी गई है.
वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी ने रखा पक्ष
तकनीकी संस्थाओं के लिए वरिषठ अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी (Senior Advocate Anoop Trivedi) और एआर. नाडकर्णी ने पक्ष रखा. अटॉर्नी जनरल विश्वविद्यालय की ओर से उपस्थित हुए और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता केंद्र सरकार की ओर से उपस्थित हुए. इस तरह से सुप्रीम कोर्ट ने इस निर्णय से उत्तर प्रदेश के लाखों छात्रों के भविष्य पर मंडरा रहे खतरे को टाल दिया है. जिससे सभी संस्थाओं में और छात्रों और अभिभावकों में खुशी और राहत की लहर है.
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