टीले वाली मस्जिद या लक्ष्मण टीला ?, हिंदू पक्ष के दावे पर लखनऊ की कोर्ट में सुनवाई आज

वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद और मथुर के श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले के बीच अब लखनऊ की टीले वाली मस्जिद (Lucknow Teele wali Masjid) को लेकर विवाद तेज हो गया है. सोमवार को सोमवर को टीलेवाली मस्जिद पर हिंदू पक्ष के दावे को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई होगी. दरअसल, 2013 में दाखिल वाद पर निचली आदेश के विरुद्ध जिला सत्र न्यायलय में रिवीजन पिटीशन दाखिल की गई है. निचली अदालत में दाखिल वाद में कहा गया है कि टीले वाली मस्जिद लक्ष्मण टीला है. लिहाजा उस स्थान को हिन्दुओं को सौंपा जाए.

वरिष्ठ अधिवक्ता ने हरिशंकर जैन का दावा है कि टीले वाली मस्जिद का पूरा परिसर शेषनागेस्थ टीलेश्वर महादेव का स्थान है, जिसे औरंगजेब के शासनकाल में तोड़ दिया गया था. अब हिंदू पक्ष की तरफ से इस स्थान पर पूजा पाठ का अधिकार मांगा गया है. निचली अदालत में इस वाद में अगली सुनवाई 30 जुलाई को होनी है.

गौरतलब है कि अदालत ने इसे प्रतिनिधिक वाद के रूप में स्वीकार करते हुए दोनों पक्षों को नोटिस जारी किया था. जिस पर प्रतिवादी पक्ष की ओर से इस वाद खारिज करने की मांग की गई थी, जिसे कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया था. इसी फैसले के खिलाफ सत्र न्यायलय में रिवीजन याचिका दाखिल की गई है. यह वाद लार्ड शेषनागेस्थ टीलेश्वर महादेव विराजमान, लक्ष्मण टीला शेषनाग तीर्थ भूमि, डॉ वीके श्रीवास्तव, रामरतन मौर्य, वेदप्रकाश त्रिवेदी, दिलीप साहू, स्वतंत्र कुमार त्रिपाठी व धनवीर सिंह की ओर से निचली अदालत में दाखिल किया गया था.

क्या कहना है हिंदू पक्ष का ?

अदालत में हिंदू पक्ष द्वारा दाखिल वाद पत्र के मुताबिक सनातन काल में भगवान राम ने अपने छोटे भाई लक्ष्मण को लक्ष्मणपुरी बसाने का निर्देश दिया था. लक्ष्मण ने गोमती के किनारे लक्ष्मणपुरी बनाई और एक टीले पर शिवलिंग की स्थापना कराई. जिसे बाद में शेषनागेस्ट टीलेश्वर महादेव कहा गया. यह पूरा स्थान लक्ष्मण टीले के नाम से पहचाना गया. यह चौक में नजूल के खसरा नंबर- 14 पर स्थित है. इस पर हिंदू अंनतकाल से पूजा-अर्चना करते आ रहे हैं. लक्ष्मण टीले पर शेषनाग पटल कूप एवं शेषावतार कूप भी था.

औरंगजेब के समय में लक्ष्मण टीले का विध्वंस कर दिया गया. इस्लामिक सिद्धांतों को दरकिनार करते हुए वहां एक मस्जिद बनाई गई. जिसे टीलेवाली मस्जिद कहा गया. खसरा नंबर- 14 पर शेषनाग पटल कूप, शेषनाग टीलेश्वर महादेव और पुराने मंदिर के अवशेष मौजूद हैं. यह एक ऐतिहासिक तथ्य है कि वहां लक्ष्मण ने एक किले का निर्माण भी कराया था. जिसे लक्ष्मण किला के नाम से जाना गया और जिसे गढ़मत्स्य भवन (मछली भवन) भी कहते हैं. लक्ष्मण टीले के पश्चिम में कौटिल्य ऋषि का आश्रम था. जिसे कौटिल्य घाट कहते थे.

इन्हें बनाया गया है पार्टी
इस वाद में यूनियन आफ इंडिया जरिए सचिव गृह मंत्रालय, आर्कियोलाजी सर्वे आफ इंडिया की लखनऊ सर्किल, स्टेट आफ यूपी जरिए प्रमुख सचिव गृह, जिलाधिकारी लखनऊ, पुलिस महानिदेशक उप्र, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लखनऊ, पुलिस अधीक्षक पश्चिम लखनऊ, इंसपेक्टर चौक व सुन्नी सेंट्रल बोर्ड ऑफ वक्फ जरिए चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर के साथ ही मौलाना फजुर्लरहमान को प्रतिवादी बनाया गया है.

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