अयोध्या (Ayodhya) अब केवल आध्यात्मिक महत्व की नगरी नहीं, बल्कि रणनीतिक दृष्टिकोण से भी देश के मानचित्र पर नई पहचान बना रही है। यहां उत्तर प्रदेश का पहला और देश का छठा नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) हब बनने जा रहा है। यह हब अयोध्या के कैंटोनमेंट एरिया में स्थापित होगा, जिसके लिए 8 एकड़ भूमि गृह मंत्रालय को 99 वर्षों की लीज पर दी गई है l
अब तक पांच शहरों में थी NSG यूनिट
फिलहाल NSG की यूनिट्स केवल मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता और गांधीनगर जैसे बड़े शहरों में मौजूद हैं। अयोध्या में हब बनने से न सिर्फ उत्तर प्रदेश, बल्कि बिहार और पूर्वांचल के अन्य संवेदनशील इलाकों में किसी भी आपात स्थिति में तेजी से कार्रवाई संभव हो सकेगी।
तकनीकी रूप से उन्नत और हर परिस्थिति के लिए तैयार
यह NSG हब एंटी-ड्रोन सिस्टम, आधुनिक हथियारों और उच्च तकनीकी निगरानी उपकरणों से लैस होगा। साथ ही इसमें एक फायरिंग रेंज और नियमित कमांडो ट्रेनिंग की भी व्यवस्था होगी, जिससे जवान हमेशा तत्पर रहें। यह व्यवस्था आतंकवाद से निपटने के लिहाज से बेहद अहम मानी जा रही है।
सुरक्षा प्राथमिकता
राम मंदिर निर्माण के बाद अयोध्या में श्रद्धालुओं की भारी आमद हो रही है, जिससे यह शहर सुरक्षा के लिहाज से अत्यंत संवेदनशील बन गया है। NSG हब की स्थापना से शहर 24 घंटे निगरानी में रहेगा, और किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत प्रतिक्रिया दी जा सकेगी।
पूर्वांचल के बड़े हिस्से को मिलेगा लाभ
अयोध्या का NSG हब केवल स्थानीय सुरक्षा तक सीमित नहीं रहेगा। इसका प्रभाव गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज से लेकर बिहार तक फैलेगा। किसी भी तरह की आपात स्थिति में इस हब से ऑपरेशन चलाए जा सकेंगे।
सुरक्षा का नया मॉडल बनेगा अयोध्या
NSG हब की स्थापना के साथ अयोध्या आध्यात्मिक नगरी के साथ-साथ एक सुरक्षित शहर के रूप में उभरेगा । यह न केवल आतंकी खतरों से निपटने में सहायक होगा, बल्कि उत्तर भारत में NSG की पहुंच और क्षमता को भी मजबूत करेगा।