राज्यसभा (Rajyasabha) में वक्फ संशोधन विधेयक के बहुमत से पारित होने के बाद वक्फ बोर्ड और इसकी संपत्तियों को लेकर जिले में विवाद और चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। लखीमपुर (Lakhimpur) जिला प्रशासन और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने वक्फ संपत्तियों की जांच शुरू की है, जिसमें कई गंभीर मुद्दे सामने आए हैं।
60 प्रतिशत वक्फ संपत्तियाँ अवैध रूप से सरकारी जमीनों पर कब्जा
लखीमपुर जिले में वक्फ बोर्ड (Waqf Board) की कुल 2,630 संपत्तियाँ पाई गई हैं। इनमें से करीब 60 प्रतिशत संपत्तियाँ अवैध रूप से सरकारी भूमि जैसे ग्राम समाज और नजूल की जमीनों पर कब्जा करके बनाई गई हैं। ये संपत्तियाँ अवैध कब्जे की श्रेणी में आती हैं और विभागीय जांच से इनकी स्थिति स्पष्ट की जा रही है।
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40 प्रतिशत संपत्तियाँ संदिग्ध, 5 प्रतिशत का नहीं है वैधानिक ब्यौरा
लखीमपुर जिले में वक्फ बोर्ड (Waqf Board) की 40 प्रतिशत संपत्तियाँ ऐसी हैं जिनका वैधानिक ब्यौरा स्पष्ट नहीं है। इन संपत्तियों में से करीब 5 प्रतिशत संपत्तियाँ ऐसी हैं जिनके बारे में कोई सुसंगत और वैध दस्तावेज नहीं मिले हैं, जिसके कारण इन्हें भी संदिग्ध माना जा रहा है।
जिले की विभिन्न तहसीलों में वक्फ संपत्तियों का वितरण
वक्फ संपत्तियाँ (Waqf Properties) जिले के विभिन्न क्षेत्रों में फैली हुई हैं। लखीमपुर सदर तहसील में सबसे अधिक 872 वक्फ संपत्तियाँ हैं, जिसमें 870 संपत्तियाँ सुन्नी वक्फ बोर्ड की और 2 संपत्तियाँ शिया वक्फ बोर्ड की हैं। अन्य तहसीलों में भी वक्फ संपत्तियों का वितरण किया गया है, जैसे धौरहरा, मोहम्मदी, मितौली, निघासन, पलिया और गोला गोकर्णनाथ तहसीलों में भी वक्फ संपत्तियाँ मौजूद हैं।
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वक्फ संपत्तियों की कीमत करोड़ों में, लाखों की कीमत वाले क्षेत्र
लखीमपुर जिले में वक्फ संपत्तियाँ अब करोड़ों-अरबों की संपत्ति बन चुकी हैं। उदाहरण के लिए, शहर के मुहल्ला संकटा देवी में मंदिर के ठीक सामने बनी दुकानों को वक्फ नंबर पांच के तहत सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की संपत्तियाँ माना जा रहा है। इन संपत्तियों की कीमत लाखों से लेकर करोड़ों में आंकी जा सकती है।
अदालत के आदेश से 18 वक्फ संपत्तियाँ होंगे वापस
लखीमपुर जिले में सरकारी जमीनों पर अवैध तरीके से वक्फ संपत्तियों का दर्ज किया जाना एक गंभीर मुद्दा बन चुका है। हाईकोर्ट लखनऊ के आदेश पर अब 18 वक्फ संपत्तियों को पुनः उनके पुराने रूप में लौटा दिया जाएगा। ये संपत्तियाँ पहले ग्राम सभा या सरकारी भूमि के रूप में दर्ज थीं, जिनको बाद में वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज किया गया था।
आगे की कार्रवाई के लिए शासन के निर्देश
वक्फ संपत्तियों की जांच पूरी होने के बाद जिलाधिकारी ने रिपोर्ट शासन को भेजी है, और शासन के निर्देश पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। सरकारी भूमि को वक्फ संपत्ति के रूप में नामांतरण के मामले में विभागीय अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। रोहित सिंह, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने बताया कि वक्फ संपत्तियों की पूरी रिपोर्ट शासन को भेजी जा चुकी है और अब आगे की कार्रवाई शासन के आदेश पर की जाएगी।