मुरादाबाद में ईद के मौके पर हुए दंगों के चेहरे होंगे बेनकाब, 43 साल बाद रिपोर्ट सार्वजनिक करेगी योगी सरकार

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद (Moradabad) जिले में 1980 में हुए दंगे (Riots) की सक्सेना रिपोर्ट सार्वजनिक होगी. यूपी की योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की सरकार ने इसे विधान सभा के मानसून सत्र में पटल पर रखने की तैयारी की है. माना जा रहा है कि इससे कई चेहरे बेनकाब होंगे. योगी सरकार की इस पहल पर यूपी के पूर्व पुलिस महानिदेशक व राज्यसभा सांसद बृजलाल (Brij lal) ने मुख्यमंत्री योगी को बधाई दी है और उम्मीद जताई है कि दोषियों के चेहरे बेनकाब होंगे.

राज्यसभा सांसद  बृजलाल ने एक वीडियो जारी कर कहा कि 13 अगस्त 1980 को ईद के अवसर पर मुरादाबाद में दंगे के संबंध में सक्सेना आयोग की रिपोर्ट को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सार्वजनिक करने का निर्णय लिया है. इसके लिए वह बधाई के पात्र हैं.

बृजलाल ने बताया कि उस दिन यह दंगा कुछ कट्टरपंथियों द्वारा प्रायोजित किया गया था. कहा जाता है कि मुस्लिम लीग के प्रदेश पदाधिकारियों ने यह षड्यंत्र किया था. नमाज के दौरान एक अफवाह फैलाई गई कि 200 मीटर दूर पासी और बाल्मीकि बस्ती से सूअर आ गया. नमाज के दौरान घुस गया. इससे पथराव किए गए. उसमें टारगेट करके डीएम और एसपी के सामने ही एडीएम की खींच करके पत्थरों से कूच-कूच करहत्या कर दी गयी. एक अफसर को मार डाला गया. पुलिस पर पथराव किया गया. चौकी में आग लगा दी गई. राइफलें लूट ली गईं और जो पुलिस के जवान थे उनको उसमें जला दिया गया. दंगा चार महीना तक चलता रहा.

पूर्व आईपीएस आगे कहते हैं कि इस दंगे को रंग दिया गया कि इसके लिए पीएसी दोषी है. वह पीएसी फोर्स जिसने इस प्रदेश का नाम ऊंचा किया है. चाहे हैदराबाद का पोलो ऑपरेशन का हो, चाहे नार्थ ईस्ट का हो, या आजादी के बाद पाकिस्तान और भारत बॉर्डर के गार्डिंग का रहा हो. पीएसी को ऐसा बदनाम किया गया कि मुरादाबाद में कांग्रेसी जमाने में पीएससी लगना बंद हो गया. वहां कहा जाता था कि आप केवल रैपिड एक्शन फोर्स लगा सकते हैं. इस तरह से कांग्रेस ने तुष्टीकरण की राजनीति का खेल खेला कि सक्सेना आयोग की रिपोर्ट ही दबा दी गयी. कांग्रेस के बाद समाजवादी पार्टी और फिर बसपा ने रिपोर्ट को दबाए रखा. उनके चेहरे बेनकाब होंगे. उसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पुनः बधाई देता हूं.

बता दें कि कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार इस घटना पर आधारित रिपोर्ट विधान सभा के मानसून सत्र के दौरान पटल पर रखने की तैयारी कर रही है.

Also Read: CM योगी की जीरो टॉलरेंस नीति से सुपर एक्टिव हुई SIT, यूपी में फर्जी डिग्री-मार्कशीट और भर्ती घोटालों पर लगी लगाम

( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )