‘मेरे जिंदा रहने तक कोई नहीं होगा उत्तराधिकारी…’, भतीजे से मायावती को मोह भंग, सभी पदों से हटाए गए आकाश आनंद

बसपा की सुप्रीमो मायावती ने रविवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के सभी पदों से हटा दिया। यह फैसला पार्टी के ऑल इंडिया पदाधिकारियों की बैठक के दौरान लिया गया। इसके साथ ही, मायावती ने स्पष्ट कर दिया कि आकाश अब पार्टी में किसी भी जिम्मेदारी पर नहीं रहेंगे। इस फैसले से आकाश के समर्थक खेमे में निराशा का माहौल है।

 

नए राष्ट्रीय समन्वयकों की नियुक्ति

इस फैसले के साथ-साथ मायावती ने भाई आनंद कुमार और रामजी गौतम को पार्टी का नेशनल कॉर्डिनेटर नियुक्त किया। इससे पहले एक ही पद पर एक ही व्यक्ति होता था, लेकिन अब बसपा में दो राष्ट्रीय समन्वयक होंगे, जो पार्टी के संचालन और विस्तार की दिशा तय करेंगे। इस नियुक्ति के साथ मायावती ने पार्टी को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है।

 

Also Read – ‘अपने गिरेबान में झांकें राहुल गांधी…’, मायावती ने बोलीं- दिल्ली चुनाव में कांग्रेस ने BJP की ‘टीम बी’ की तरह लड़ा चुनाव

आशोक सिद्धार्थ की पार्टी से निकासी

मायावती ने बैठक के दौरान पार्टी से निकाले गए अपने पुराने विश्वसनीय और रिश्तेदार समधी अशोक सिद्धार्थ का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि अशोक सिद्धार्थ ने पार्टी को दो गुटों में बांटकर कमजोर किया था, जो पार्टी के लिए नुकसानदायक था। उनका यह कार्य न केवल पार्टी के हितों के खिलाफ था, बल्कि आकाश आनंद के राजनीतिक करियर को भी प्रभावित किया।

उत्तराधिकारी की घोषणा पर मायावती का स्पष्ट बयान

मायावती ने स्पष्ट रूप से कहा कि वह जीते जी किसी को भी अपना उत्तराधिकारी घोषित नहीं करेंगी। उनका यह बयान पार्टी के भीतर के कई चर्चाओं पर विराम लगाता है। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग उनके नाम का दुरुपयोग कर पार्टी को नुकसान पहुंचाएंगे, उन्हें तुरंत बाहर कर दिया जाएगा। इस प्रकार उन्होंने अपनी पार्टी में किसी भी प्रकार की गुटबाजी या व्यक्तिगत हितों की राजनीति को सख्ती से नकारा।

Also Read – UP Budget 2025: योगी सरकार के बजट को अखिलेश ने बताया ‘खोखला ढोल’, मायावती बोलीं- मध्यम वर्ग के तुष्टिकरण वाला

आकाश आनंद की राजनीतिक स्थिति और अशोक सिद्धार्थ का प्रभाव

मायावती ने जोर देते हुए कहा कि आकाश आनंद की राजनीतिक स्थिति में गिरावट के लिए उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ जिम्मेदार थे। उन्होंने कहा कि सिद्धार्थ ने आकाश के राजनीतिक करियर को नुकसान पहुंचाया और पार्टी के लिए भी नुकसान का कारण बने। मायावती के मुताबिक, सिद्धार्थ ने अपनी बेटी की शादी के बाद आकाश को राजनीतिक दृष्टिकोण से कमजोर किया, जिससे पार्टी में दरारें पड़ीं।

बैठक का उद्देश्य और मायावती का दृष्टिकोण

बसपा की इस बैठक का मुख्य उद्देश्य पार्टी संगठन को मजबूत करना और जनाधार बढ़ाना था। बैठक में उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली, पंजाब, और अन्य प्रमुख राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष मौजूद थे। हालांकि, बैठक में मायावती के दोनों भतीजे आकाश और ईशान मौजूद नहीं थे, जो इस फैसले की ओर इशारा करता है कि मायावती पार्टी में किसी भी प्रकार के परिवारवाद को बढ़ावा नहीं देना चाहतीं।

Also Read – मायावती का ‘गला घोंटने’ वाले बयान पर भड़के सतीश चंद्र मिश्रा, योगी सरकार से उदित राज की गिरफ्तारी की मांग, ‘चुप्पी’ साधने पर अखिलेश को भी सुनाया

भविष्य की रणनीति और पार्टी की दिशा

मायावती ने इस बैठक के माध्यम से स्पष्ट किया कि पार्टी को अब और अधिक मजबूत बनाना उनकी प्राथमिकता है। इस दिशा में कदम उठाते हुए, उन्होंने पार्टी के संरचनात्मक बदलाव और नेतृत्व में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। अब पार्टी का नेतृत्व आनंद कुमार और रामजी गौतम के हाथों में होगा, जिनके साथ पार्टी के भविष्य को नई दिशा मिलेगी।

देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं