लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने जल जीवन मिशन के अंतर्गत ‘हर घर नल से जल’ योजना के कार्यों की प्रगति और गुणवत्ता की निगरानी के लिए थर्ड पार्टी ऑडिट करवाने का निर्देश दिया है। सोमवार को अपने सरकारी आवास पर आयोजित एक बैठक में सीएम ने अधिकारियों से कहा कि वे जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर योजनाओं की मॉनिटरिंग और समन्वय सुनिश्चित करें।
सीएम योगी ने कहा, “जनहित से जुड़े कार्यों की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होना चाहिए। जलापूर्ति कार्यों के कारण खराब हुई सड़कों की मरम्मत समय पर होनी चाहिए, और जनप्रतिनिधियों से इसका निरीक्षण कराना चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि विभागीय अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए थर्ड पार्टी सत्यापन किया जाएगा।
सीएम ने पूरे प्रदेश, विशेष रूप से बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र में जल जीवन मिशन की परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि राज्य में जल जीवन मिशन की लगभग 80% परियोजनाएं सोलर आधारित हैं, और केंद्र सरकार ने इस पहल को बेस्ट प्रैक्टिस के रूप में मान्यता दी है।
जल जीवन मिशन के तहत मुख्य आंकड़े
- प्रदेश में 41,000 परियोजनाओं को स्वीकृति मिली है।
- कुल खर्च 1.52 लाख करोड़ रुपये अनुमानित है।
- खर्च का 50% केंद्र और राज्य सरकार मिलकर वहन करेंगे।
- 33,000 से अधिक परियोजनाएं सोलर आधारित हैं।
- सोलर मॉडल के कारण 13,444 करोड़ रुपये की लागत बढ़ी है।
- सोलर मॉडल से 13 लाख मीट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन कम होगा।
( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )