कल यानी कि रविवार को राजस्व लेखपालों के 8085 रिक्त पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित की गई है. उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से आयोजित की गई मुख्य परीक्षा का अंतिम चयन परिणाम अगले साल मार्च तक घोषित किये जाने की संभावना है. इस परीक्षा के दौरान यूपी एसटीएफ ने लेखपाल भर्ती परीक्षा के दौरान इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के जरिए नक़ल करने वाले अभ्यर्थियों और सॉल्वरों समेत 21 लोगों को गिरफ्तार किया है. सभी गिरफ्तारियां लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज, मेरठ, गोंडा और बरेली से की गई है. सभी के खिलाफ अलग-अलग जिलों में मुकदमा पंजीकृत किया गया है.
सभी के खिलाफ केस दर्ज
जानकारी के मुताबिक, रविवार को प्रदेश भर में आयोजित लेखपाल भर्ती परीक्षा में कई अलग अलग जगह से मुन्ना भाई पकड़े गए थे. प्रदेश के अलग-अलग जिलों में ब्लूटूथ डिवाइस के माध्यम से नक़ल करवाया जा रहा था. कुल 21 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. गैंग के सरगना से पूछताछ की जा रही है, ताकि गोरखधंधे में शामिल अन्य लोगों की शिनाख्त हो सके. सभी के खिलाफ अलग-अलग जिलों में मुकदमा पंजीकृत किया गया है. इस बात की जानकारी खुद एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश ने दी है.
यूपी लेखपाल भर्ती परीक्षा में पेपर लीक का मामला, @uppstf एडीजी अमिताभ यश के मुताबिक पूरे प्रदेश में अभी तक कुल 21 लोगों को अभी तक प्रदेश के विभिन्न थानों से गिरफ्तार किया गया है, प्रयागराज से भी विजय कांत पटेल नाम के व्यक्ति की गिरफ्तारी की गई है. pic.twitter.com/C1xMSBSxq9
— gyanendra shukla (@gyanu999) July 31, 2022
एडीजी एसटीएफ ने बताया कि प्रयागराज यूनिट ने परीक्षा में गड़बड़ी के मास्टरमाइंड विजय कांत पटेल, उसके सहयोगी दिनेश कुमार यादव और सोनू कुमार को गिरफ्तार किया है. परीक्षा केंद्र के बाहर गाड़ी में बैठकर प्रश्नों के उत्तर बताए जा रहे थे. आरोपियों के पास से 15 ब्लूटूथ इयर बड, 9 ब्लूटूथ डिवाइस कार्ड, 6 सिम कार्ड, 10 मोबाइल, और 6 इयर बड बरामद किए गए हैं.
#UPSTF
के द्वारा दिनांक 31.07.2022 को प्रदेश के कुल 501 केंद्रों पर आयोजित लेखपाल भर्ती परीक्षा में अभियार्थियो से मोटी रकम लेकर सॉल्वर बैठाने व अन्य माध्यमों से नकल करने वाले गिरोह के 21 अभियुक्तों को प्रदेश के विभिन्न जनपदों से गिरफ्तार किया गया।@uppolice pic.twitter.com/QgoLEGSuwu— UPSTF (@uppstf) July 31, 2022
10-10 लाख रुपए में हुई थी डील
एडीजी ने बताया कि, आरोपियों ने कैंडिडेट्स से सॉल्वर गैंग के सरगना ने 10-10 लाख रुपए लिए थे. उन्हें ब्लूटूथ डिवाइस दी गई थी. कहा गया था कि वे अपनी डिवाइस ऑन रखेंगे. उसे ऐसे कान में लगाकर रखेंगे कि कक्ष निरीक्षक को उन पर शक न हो. पेपर आउट होते ही ब्लूटूथ डिवाइस से एक-एक सवाल का उत्तर बताने का वादा सॉल्वर गैंग ने किया था.