Khelo Bharat Niti 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय खेल नीति (एनएसपी) 2025 को मंजूरी दे दी है। यह नीति 2001 में लागू की गई पुरानी खेल नीति का स्थान लेगी और इसका उद्देश्य भारत को खेलों के क्षेत्र में वैश्विक शक्ति बनाना है। यह नीति विशेष रूप से 2036 ओलंपिक सहित अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत की स्थिति को मजबूत करने के लिए एक रणनीतिक रोडमैप प्रस्तुत करती है।
खेल को जन आंदोलन बनाने की दिशा में कदम
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यह नीति खेलों को केवल प्रतिस्पर्धा तक सीमित न रखते हुए जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास है। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों की प्रतिभाओं को निखारने, खेलों को शिक्षा से जोड़ने, और नागरिकों को शारीरिक रूप से सक्रिय जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करने पर विशेष जोर दिया गया है। मंत्री ने कहा कि इसका उद्देश्य है कि 2047 तक भारत को दुनिया के शीर्ष 5 खेल राष्ट्रों में शामिल किया जा सके।
परामर्श आधारित नीति निर्माण और आर्थिक दृष्टिकोण
एनएसपी 2025 को विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों, नीति आयोग, राज्यों, राष्ट्रीय खेल महासंघों, खिलाड़ियों और विशेषज्ञों से व्यापक परामर्श के बाद तैयार किया गया है। यह दस्तावेज खेल को पर्यटन और आर्थिक विकास से जोड़ने की भी पहल करता है। उदाहरण के लिए, आईपीएल और अन्य प्रमुख खेल आयोजनों के माध्यम से होने वाली यात्राओं को आर्थिक गतिविधियों से जोड़कर पर्यटन को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
शिक्षा के साथ खेलों का एकीकरण और निजी भागीदारी
नई खेल नीति राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप तैयार की गई है, जिसमें खेलों को स्कूली शिक्षा का अभिन्न हिस्सा बनाने की बात कही गई है। शारीरिक शिक्षा शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण देकर उन्हें खेल शिक्षा को बढ़ावा देने में सक्षम बनाया जाएगा। साथ ही, नीति में खेल प्रशासन के लिए मजबूत नियामक ढांचा और पीपीपी मॉडल व सीएसआर के माध्यम से निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देने की बात कही गई है।
खेल मंत्री बोले
खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने इसे भारत के खेल परिदृश्य को नया आकार देने वाला एक “परिवर्तनकारी कदम” बताया है। उन्होंने कहा कि यह नीति जमीनी स्तर पर खेल संस्कृति को बढ़ावा देने, आधुनिक बुनियादी ढांचे के निर्माण, खिलाड़ियों की समग्र विकास प्रक्रिया को समर्थन देने और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की उपस्थिति को मजबूत करने की दिशा में निर्णायक साबित होगी। यह नीति न केवल भारत के खिलाड़ियों के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोलेगी, बल्कि पूरे देश में खेलों को लेकर एक नई चेतना और जोश भी पैदा करेगी।