CM योगी के सख्त तेवर देख मरीजों के पैसे लौटाने लगे ‘लुटेरे अस्पताल’, हापुड़-मेरठ में प्रशासन की बड़ी कार्रवाई

उत्तर प्रदेश में लुटेरे अस्पतालों (Robber Hospitals) के खिलाफ प्रशासन ने एक्शन शुरू कर दिया है। कोरोना का इलाज करने के नाम पर मरीजों से लूटखसोट करने वाले अस्पतालों को लेकर ढेरों शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए हापुड़ में प्रशासन ने 46 मरीजों के पैसे वापस कराए हैं। इन अस्पतालों ने कोरोना के इलाज के नाम पर मरीजों से शासन से निर्धारित दर से अधिक रकम वसूली थी। उधर, मेरठ में भी ऐसी 49 शिकायते प्रशासन को मिलीं, इनमें से 18 सही पाई गई हैं। इनमें 2 अस्पतालों से 4 लाख रुपए वापस कराए गए और तीन बड़े अस्पतालों की जांच जारी है।


शासन ने तय किया था इलाज का शुल्क


कोविड अस्पतालों में भर्ती कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए शासन ने शुल्क निर्धारित किया है। आइसोलेशन में भर्ती मरीजों से 4800, आईसीयू के मरीजों से 7800 और आईसीयू वेंटीलेटर के मरीजों से 9000 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से शुल्क तय किए गए थे। निर्धारित दर में अस्पताल को ऑक्सीन, बेड, भोजन, नर्सिंग केयर, मॉनिटरिंग, आवश्यक जांच, कंसलटेशन की सुविधा देनी थी।


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इसके अलावा मरीज व तीमारदारों को किसी प्रकार का अन्य शुल्क नहीं देना था, लेकिन कई निजी कोविड अस्पतालों में मरीजों के परिजनों से मनमानी रकम वसूल की गई। इसे लेकर प्रशासन के पास लगातार शिकायतें पहुंच रही थीं। शासन के निर्देश पर डीएम हापुड़ ने ऐसे 2 कोविड अस्पतालों को नोटिस भेजा। साथ ही तय शुल्क से अधिक वसूलने पर 5 अस्पतालों को मरीजों के पैसे वापस करने के निर्देश दिए।


स्वास्थ्य विभाग व कोविड कमांड सेंटर से मरीजों के पास गया फोन


हापुड़ डीएम अनुज सिंह ने जिले के 5 कोविड अस्पतालों में भर्ती मरीजों का डाटा तैयार कराया। इसके बाद सभी भर्ती मरीजों से स्वास्थ्य विभाग व कोविड कमांड सेंटर के कर्मचारियों ने फोन पर बिल से संतुष्ट-असंतुष्ट होने की जानकारी मांगी। इसमें देव नंदिनी अस्पताल में भर्ती 30 मरीज, आरोग्य अस्पताल में भर्ती 12, जीएस में 2, रामा में दो मरीज व तीमारदार बिल से अंसतुष्ट रहे। इन सभी अस्पतालों को इन 46 मरीजों से लिए गए तय दर से अधिक शुल्क को वापस करने का डीएम ने आदेश दिया। इस पर देव नंदिनी अस्पताल ने 3.50 लाख रुपये मरीजों को वापस किए। दूसरे अस्पतालों से भी अवैध रकम को वापस कराने की कार्रवाई की जा रही है।


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जानकारी के अनुसार, हापुड़ के कोविड अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजों से तय दर से अधिक रकम लेने का मुद्दा शासन तक पहुंचा था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वीसी में डीएम को जिले के कोविड अस्पतालों की जांच कराने के निर्देश दिए थे। अब शासन ऐसे अस्पतालों का डाटा मांग रहा है। प्राइवेट कोविड अस्पताल में इलाज के दौरान एडवांस रकम वसूलने या फिर तय फीस से अधिक वसूली करने वालों की मरीज व तीमारदार डीएम को लिखित में शिकायत कर सकते हैं।


अनुज सिंह, डीएम, हापुड़ ने बताया कि शासन ने कोविड अस्पतालों के लिए इलाज को लेकर निश्चित दर तय कर रखी है। इन दरों से ज्यादा पैसा लेना कानूनी जुर्म है। कोविड अस्पतालों में भर्ती मरीजों व तीमारदारों से बात की जा रही है, जो लोग बिल से अंसतुष्ट हैं उनकी अस्पतालों से अधिक रकम को वापस कराया जा रहा है।


मेरठ के अस्पतालों पर भी एक्शन, 2 ने वापस किए 4 लाख रुपए


वहीं, मेरठ जिले में भी कोरोना संक्रमण के दौरान मरीजों से अधिक पैसे की वसूली, सही इलाज न मिलने को लेकर 49 शिकायतें प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग में दर्ज हुईं। डीएम के निर्देश पर हुई जांच में 18 शिकायतें सही पाई गईं। जांच अधिकारियों की रिपोर्ट पर तीन अस्पतालों के लाइसेंस निलंबित करने के निर्देश दिए गए हैं। दो अस्पतालों से करीब चार लाख रुपये मरीजों को वापस कराए गए।


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पल्लवपुरम और हापुड़ अड्डा चौराहा के दो अस्पतालों के लाइसेंस को माफीनामा और मरीजों के साथ सही व्यवहार किए जाने के पत्र के बाद सशर्त बहाल किया गया है। तीन बड़े अस्पतालों के खिलाफ अभी जांच चल रही है। डीएम और सीएमओ ने कहा कि शिकायत मिली तो सख्त कार्रवाई होगी। लाइसेंस निलंबित होगा।


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