उत्तर प्रदेश विधानसभा में आज सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) के बीच जोरदार भिड़ंत हो गई. नौबत ये आ गई कि अखिलेश मर्यादा भूल गए और गुस्से में मौर्य को ‘तुम’ कहकर संबोधित किया. दोनों के बीच पहले हल्की फुल्की नोकझोंक चल रही थी. दोनो मुस्कुरा भी रहे थे, पर जैसे ही मौर्य ने सैफई का जिक्र किया अखिलेश तमतमा गए और लगभग डांटने के अंदाज में कहने लगे कि क्या तुम अपने पिता जी की संपत्ति बेचकर सड़क बनवाते हो. अखिलेश के ये कहते ही सदन में जोरदार हंगामा खड़ा हो गया. इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सहमति-असहमति हो सकती है, पर किसी सदस्य के लिए असंसदीय भाषा का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए.
दरअसल डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने सदन में अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनवाने के दौरान सैफई का नाम लेते हुए कहा कि सैफ़ई के लिए पैसे क्या आपके पिता ने दिए? इस पर अखिलेश यादव नाराज़ हो गए और खड़े होकर कहा कि तुम क्या अपने पिता जी के पास से पैसे लाते हो?
सदन में बुधवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान अखिलेश यादव ने करीब एक घंटे से अधिक समय तक योगी सरकार पर ताबड़तोड़ हमले किए. इसके बाद राज्य सरकार की ओर से उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य जवाब देने के लिए खड़े हुए. इस दौरान अखिलेश बीच-बीच में उनको खूब टोकते रहे.
अखिलेश यादव ने कहा, ‘ये पीडब्ल्यूडी मंत्री रहे हैं. ये भूल गए कि उनके जिला मुख्यालय की सड़क किसने बनाई? बताएं फोर लेन किसने बनाई.’ इस पर मौर्य ने जवाब दिया, ‘अध्यक्ष जी कृपया इन्हें बता दीजिए कि पांच साल सत्ता में नहीं रहे, अब पांच साल के लिए फिर विदा हो गए हैं. 2027 में चुनाव आएगा तो फिर कमल खिलेगा. सड़क किसने बनाई है, एक्सप्रेस वे किसने बनाई है, मेट्रो किसने बनाई है, ऐसा लगता है कि सैफई की जमीन बेचकर आपने यह सब बना दिया है.’
योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में केशव प्रसाद मौर्य के पिता तक पहुंच गए 'लाल टोपी' वाले अखिलेश यादव..#Video देखिए… pic.twitter.com/l7VluRLkH6
— Kreately.in (@KreatelyMedia) May 25, 2022
इतना सुनते ही अखिलेश यादव बिफर पड़े और कहा, ‘तुम पिता जी से पैसा लाते हो यह बनाने के लिए. राशन बांटा है तो क्या पिताजी से पैसा लाए हो.’ सपा प्रमुख के इतना कहते ही दोनों दलों के विधायक खड़े हो गए और हंगामा करने लगा. इस पर माहौल ख़राब होता देख सीएम योगी आदित्यनाथ ने सदन में खुद खड़े होकर माहौल संभाला.
सीएम योगी ने पढ़ाया मर्यादा का पाठ
सीएम योगी ने कहा कि किसी बात पर हमारी सहमति और असहमति हो सकती है. हम बाद में इसमें करेक्शन करा सकते हैं, लेकिन तू-तू, मैं-मैं शब्द का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने नेता प्रतिपक्ष से अपील की कि आपको इतना उत्तेजित नहीं होना चाहिए. सीएम योगी ने विधानसभा अध्यक्ष से अनुरोध किया कि अगर इस प्रकार की शब्दावली प्रसेडिंग का हिस्सा बनी है, तो उसे हटवा दें, क्योंकि यह गलत परंपरा होगी और इसका मैसेज देश में खराब जाएगा. हमें हमेशा इस बात को ध्यान रखना होगा. सदन की मर्यादा का ध्यान हर हाल में बनाए रखना होगा.
उन्होंने कहा कि जब उपमुख्यमंत्री बोल रहे हों, तो बीच में रनिंग कमेंट्री करना या धमकी देना ठीक नहीं है. इससे सदन की मर्यादाएं आहत होती हैं. कोई भी इसे स्वीकार नहीं करेगा. मैं विनम्रता से कहूंगा नेता प्रतिपक्ष सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता हैं. सदन की परंपरा और गरिमा का सत्ता पक्ष पालन कर रहा है, विपक्ष भी उस मर्यादा का पालन करेगा, तो दोनों का सम्मान बना रहेगा. यह सम्मान दोनों का बना रहे.
उत्तेजना दिखाने से खराब होता है माहौल: योगी
सीएम योगी ने कहा कि बहुत सारी चीजें नेता प्रतिपक्ष की ऐसी थीं, जो आपत्तिजनक हो सकती थीं. हमने सुना. हमें जो स्वीकार करना होगा, उसे स्वीकार करेंगे और उसका जवाब भी देंगे, लेकिन बीच में इस तरह की उत्तेजना दिखाना उचित नहीं है. इससे माहौल खराब होता है. अनावश्यक रूप से बाहर मैसेज खराब जाता है. हमारे बारे में टिप्पणियां होती हैं. सदन के बारे में टिप्पणी होती है. हर सदस्य की मर्यादा भंग होती है और सदस्य का सम्मान बाहर तार-तार होता है. पब्लिक में इसका मैसेज खराब जाता है. इस प्रकार की शब्दावली का प्रयोग न हो.
अगर आप कहेंगे, तो कैसे अपेक्षा रखते हैं कि जवाब नहीं मिलेगा: योगी
सीएम योगी ने कहा कि हम लोग भी जो विकास कार्य करा रहे हैं या आपकी सरकार के समय जो विकास कार्य हुए होंगे, यह हमारी ड्यूटी थी. सरकार, सरकार होती है और हर सरकार को अपनी उपलब्धियों को कहने का अधिकार है. उप मुख्यमंत्री ने बिलकुल सही कहा, विकास की जब चर्चा हुई, तो उन्होंने जो बातें कहीं बिलकुल ठीक थीं. उनका भाषण संपन्न होता, उसके बाद आप लोग अपनी बात कह सकते थे. मैं कल भी देख रहा था. वित्त मंत्री कल जब यहां पर जवाब देने के लिए खड़े हुए उन पर जिस तरह की भाषा का प्रयोग किया गया, आज फिर हम देख रहे हैं. लोकतंत्र में हर सदस्य को सदन में अपनी बात कहने का पूरा अधिकार है और अगर आप कहेंगे, तो कैसे इस बात की अपेक्षा रखते हैं कि इस तरफ से उसका जवाब नहीं मिलेगा.
सहमति और असहमति लोकतंत्र की ताकत: सीएम
सीएम योगी ने कहा कि सहमति और असहमति लोकतंत्र की ताकत है. हम यह नहीं कहते कि आप हमारी बात से सहमत हों या मैं यह भी नहीं कह सकता कि आपकी बात से सहमत हूं. मैंने पूरे एक घंटे तक आपकी बात को सुना. जब मेरे दल की ओर से मेरी बारी लगाई जाएगी. मैं उस दिन अपनी बात को यहां रखूंगा. इसीलिए मैंने आपके पूरे भाषण को सुना. सुना ही नहीं, प्रोसेडिंग मगाउंगा, फिर देखूंगा और उसका पूरा जवाब भी दूंगा. मैं उम्मीद करुंगा कि सभी विपक्षी नेता यहां पर हमारी बात को भी सुनेंगे, लेकिन सरकार के वरिष्ठतम नेता में से उपमुख्यमंत्री, जो लगातार दूसरी बार उपमुख्यमंत्री हैं. उनके द्वारा अपनी बात को रखा जा रहा हो. शालीनता से हमें सुनना चाहिए.
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