UP Budget 2022: कृषि और किसान कल्याण के लिए योगी सरकार ने खोला खजाना, बीज, खाद और सिंचाई की व्यवस्थाओं पर भी फोकस

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) ने गुरुवार को अपने दूसरे कार्यकाल का पहला बजट 2022-23 पेश किया। 6 लाख 15,518 हजार करोड़ के इस बजट (UP Budget 2022) से प्रदेश सरकार ने लोकसभा चुनाव 2024 पर निशाना साधा है। बजट में कृषि (Agriculture) और किसानों (Farmers) पर काफी फोकस किया गया है। योगी सरकार ने किसानों की दशा सुधारने के लिए अपना खजाना खोल दिया है।

इस बजट में किसानों के लिए कई योजनाएं शुरू करने का प्रस्ताव दिया गया है। बजट में किसानों की दुर्घटनावश मौत या दिव्यांगता की दशा में अधिकतम 5 लाख रूपये दिये जाने का प्रावधान है। वित्तीय वर्ष 2022-2023 के बजट में इस योजना हेतु 650 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। कृषकों को सिंचाई हेतु डीजल विद्युत के स्थान पर वैकल्पिक ऊर्जा प्रबन्धन के अन्तर्गत प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान योजना के अन्तर्गत कृषकों के प्रक्षेत्रों पर सोलर पम्पों की स्थापना करायी जा रही है।

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वहीं, वित्तीय वर्ष 2022-2023 में 15 हजार सोलर पम्पों की स्थापना करायी जायेगी। 60.20 लाख कुन्टल बीजों का वितरण किया जाना प्रस्तावित है। 119.30 लाख मीट्रिक टन उर्वरक वितरण का लक्ष्य न‍िर्धार‍ित क‍िया गया है। प्रदेश में 34,307 राजकीय नलकूपों तथा 252 लघु डाल नहरों द्वारा कृषकों को मुफ्त सिंचाई सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना हेतु 1000 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। धान का समर्थन मूल्य 1940 रूपये प्रति क्विंटल और धान ग्रेड-ए का समर्थन मूल्य 1960 रूपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2015 रूपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।

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सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि हमारी सरकार के पिछले कार्यकाल के पहले वर्ष में प्रदेश के 86 लाख लघु और सीमान्त किसानों के फसली ऋण का मोचन कराया गया। गन्ना मूल्य भुगतान में प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। हमारी सरकार ने पेराई सत्र 2017-2018 से 2021-2022 तक के सापेक्ष 16 मई , 2022 तक 01 लाख 72 हजार 745 करोड़ रूपये के गन्ना मूल्य का भुगतान कराया जो एक कीर्तिमान है।

इसमें पहले वर्षों की 10 हजार 662 करोड़ रूपये की धनराशि भी शामिल है। यह धनराशि वर्ष 2012 से 2017 के मध्य हुये गन्ना मूल्य भुगतान से हजार 500 करोड़ रूपये अधिक है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से 250 करोड़ किसानों को 6000 रूपये वार्षिक आर्थिक सहायता दिलाकर उत्तर प्रदेश में प्रथम स्थान पर है।

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