अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट (Milkipur Seat) पर चुनाव का रास्ता जल्द साफ हो सकता है। भाजपा के पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ (Former MLA Baba Gorakhnath) बुधवार को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच पहुंचे, जहां उन्होंने 2022 विधानसभा चुनाव को लेकर दायर याचिका वापस लेने का निर्णय लिया। उनके साथ 2022 में निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले शिव मूरत भी थे, जिन्होंने भी याचिका दायर की थी और उसे वापस लेने के लिए पहुंचे।
बाबा गोरखनाथ की मांग
बाबा गोरखनाथ ने कहा कि मैं चाहता हूं कि मिल्कीपुर में जल्द चुनाव हो। याचिका वापस लेने के बाद मैं चुनाव आयोग से आग्रह करूंगा कि यूपी की 9 सीटों के साथ ही मिल्कीपुर में भी उपचुनाव कराया जाए। भाजपा निश्चित तौर पर यहां जीत हासिल करेगी।
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— Akhand pratap (@Akhandpratap10) October 16, 2024
गौरतलब है कि मंगलवार को चुनाव आयोग ने यूपी की 9 सीटों पर उपचुनाव की घोषणा की थी, लेकिन मिल्कीपुर सीट को याचिका लंबित होने के कारण शामिल नहीं किया गया था। इसके बाद देर शाम बाबा गोरखनाथ ने याचिका वापस लेने का फैसला किया।
चुनाव आयोग से भाजपा का संपर्क
सूत्रों के अनुसार, भाजपा ने इस मामले को लेकर मुख्य निर्वाचन अधिकारी और चुनाव आयोग से भी संपर्क साधा है। याचिका वापसी की अर्जी मंजूर होते ही इसकी कॉपी आयोग और मुख्य निर्वाचन अधिकारी को भेजी जाएगी, ताकि 17 अक्टूबर तक मिल्कीपुर में भी चुनाव की घोषणा हो सके।
विवादित हलफनामा मामला
बाबा गोरखनाथ ने 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा के अवधेश प्रसाद के खिलाफ यह याचिका दाखिल की थी। उनका आरोप था कि अवधेश प्रसाद ने नॉमिनेशन के दौरान एक्सपायर्ड डेट वाला हलफनामा दाखिल किया था, जो नियमों के खिलाफ है। इसी आधार पर उन्होंने चुनाव रद्द कराने की मांग की थी।
अवधेश प्रसाद का पलटवार
सपा के अवधेश प्रसाद ने बाबा गोरखनाथ पर तीखा पलटवार किया। उन्होंने कहा, “भाजपा की इस सीट पर जमानत भी नहीं बचेगी। अब याचिका वापस ले रहे हैं क्योंकि वे डर रहे हैं। उपचुनाव में हमारा बेटा इतनी बड़ी जीत हासिल करेगा कि इतिहास बनेगा। अखिलेश यादव पर जनता का भरोसा है। जिसने जंग टाली, वह जंग हारा। वोट तो जनता देगी।”
इस तरह मिल्कीपुर सीट पर चुनाव को लेकर दोनों पक्षों के बीच तनातनी बढ़ गई है, जबकि चुनाव की घोषणा के लिए सभी की निगाहें अब चुनाव आयोग पर टिकी हैं।
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