UP: मुख्य सचिव ने सभी डीएम-कमिश्नर को दिए निर्देश, कहा- शिकायत मिली तो करेंगे कार्रवाई

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह (Manoj Kumar Singh) ने प्रदेश भर के मण्डलायुक्तों और जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि यूरिया और डीएपी खाद की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अधिकारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि तय मूल्य से अधिक पर खाद की बिक्री न हो और किसी भी प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

रोजाना समीक्षा बैठक का निर्देश

मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि अगले 15 दिनों तक प्रत्येक सुबह 10 बजे कृषि, सहकारिता और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर खाद की उपलब्धता की समीक्षा की जाए। किसी भी वितरण केंद्र पर यदि 80 से 90 प्रतिशत खाद का स्टॉक समाप्त हो जाए, तो वहां तुरंत नया स्टॉक भेजा जाए।

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खरीद की रसीद देना अनिवार्य

मनोज कुमार सिंह ने कहा कि किसानों को खाद की खरीद पर रसीद देना अनिवार्य किया जाए ताकि पारदर्शिता बनी रहे। उर्वरकों की जमाखोरी और कालाबाज़ारी पर कड़ी नजर रखी जाए। निजी दुकानों पर भी निर्धारित मूल्य से अधिक पर खाद बेचने या अनावश्यक उत्पादों की टैगिंग की शिकायतों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। सीमावर्ती जिलों में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश भी दिए गए।

पौधरोपण की सुरक्षा पर भी दिया गया जोर

मुख्य सचिव ने 9 जुलाई को प्रदेश में किए गए पौधरोपण की देखभाल और सुरक्षा को लेकर ठोस कार्ययोजना बनाने को कहा है। इस अभियान की सफलता के लिए स्थानीय प्रशासन और संबंधित विभागों को सक्रिय भूमिका निभाने के निर्देश दिए गए हैं।

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स्कूल भवनों के बेहतर उपयोग पर विचार

मुख्य सचिव ने स्कूल पेयरिंग नीति के तहत स्कूलों के खाली भवनों के उपयोग पर जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में समिति गठित करने को कहा है। उन्होंने बताया कि इन भवनों को आंगनवाड़ी केंद्र या बाल वाटिका के रूप में उपयोग किया जा सकता है, लेकिन यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि स्थान सुरक्षित हो और छोटे बच्चों के लिए सुगम हो। न्यायालय ने भी इस निर्णय को संवैधानिक और जनहितकारी बताया है।

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