उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बिजली बिल को लेकर घरेलू उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी है. इसके लिए यूपी बिजली विभाग ने ओटीएस यानि वन टाइम सेटेलमेंट योजना (one time settlement scheme) शुरू की है. जिसके तहत 4 किलोवाट तक के घरेलु उपभोक्ता आसन किस्तों में अपने बकाया बिल का भुगतान कर सकेंगे. उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा (Power Minister Shrikant Sharma) बुधवार को कम आय वाले घरेलू उपभोक्ताओं की सुविधाओं के लिए ‘आसान किस्त योजना’ शुरू किये जाने का ऐलान किया है. आसान क़िस्त योजना आगामी11 नवंबर 2019 से लागू की जा रही है.
वन टाइम सेटेलमेंट योजना का फायदा यह है कि चार किलोवॉट तक के शहरी उपभोक्ता जहां 12 किश्तों में अपनी बकाया राशि जमा कर सकेंगे, वहीं ग्रामीण उपभोक्ता (4 किलोवॉट) 24 किश्तों में बकाया राशि जमा कर सकेंगे. योजना का लाभ लेने के लिए 11 नवंबर से 31 दिसंबर 2019 तक पंजीकरण कराया जा सकेगा. हालांकि इस दौरान उपभोक्ता को अपनी बकाया मूल धनराशि (सरचार्ज रहित) का पांच प्रतिशत जमा कराना होगा.
राजस्व वसूली बेहद जरूरी
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि बिजली उपभोक्ताओं पर बिजली बकाया एक बड़ी समस्या है. कुछ उपभोक्ताओं द्वारा नियमित रूप से बिजली बिल का भुगतान नहीं किया जाता है, जिसकी वजह से बकाये बिल की धनराशि अधिक हो जाती है. ऐसे बकाया की वसूली के लिए वितरण निगमों के निर्णय के अनुसार, घरेलू उपभोक्ताओं के लिए प्रदेश में आसान किश्त योजना लाई गई है, जिसका लाभ ग्रामीण व शहरी उपभोक्ताओं को मिलेगा.
इन्हे मिलेगा लाभ
ऊर्जा मंत्री ने यह भी बताया कि इस योजना के अंतर्गत ग्रामीण एवं शहरी दोनों ही क्षेत्रों के घरेलू श्रेणी अर्थात एलएमवी-1 (अधिकतम चार किलोवाट के विद्युत भार तक) दर श्रेणी के उपभोक्ताओं को लाभ प्राप्त होगा. ऊर्जा मंत्री ने यह भी बताया कि इस योजना का लाभ उन्हीं उपभोक्ताओं को प्राप्त होगा, जो किश्तों की भुगतान अवधि में अपने वर्तमान मासिक बिजली बिलों का भुगतान भी नियमित रूप से करेंगे.
ऑनलाइन होगा भुगतान
योजना का लाभ लेने के लिए उपभोक्ता संबंधित खंड एवं उपखंड कार्यालय के विभागीय काउंटर्स के अतिरिक्त उपभोक्ता सेवा केंद्र पर भी संपर्क कर सकते हैं साथ ही योजना के संबंध में अधिक जानकारी के लिए कारपोरेशन के टोल फ्री नंबर 1912 पर संपर्क भी कर सकते हैं. ऊर्जा मंत्री ने यह भी बताया कि योजना पूर्णत: आईटी आधारित है. सभी भुगतान ऑनलाइन ही प्राप्त किए जाएंगे. उपभोक्ता द्वारा किसी भी अन्य माध्यम से कोई भी भुगतान न किया जाए.
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