उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह (Dr. Mahendra Singh) ने बुधवार को गोरखपुर में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि बाढ़ प्रभावित लोगों (Flood Affected People) को राशन किट के साथ ही कपड़ा भी दिया जाएगा। इसके साथ ही प्रकाश की व्यवस्था भी की जाएगी। लोगों को पेट्रोमैक्स, मोमबत्ती व टॉर्च देने का निर्देश भी अधिकारियों को दिया गया है। प्रशासनिक अधिकारी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में केरोसिन तेल का वितरण भी करेंगे।
डॉ. महेंद्र सिंह ने कहा कि सरयू नदी करीब 47 दिनों से खतरे के बिन्दु से ऊपर है। इसी तरह राप्ती नदी एवं रोहिन नदी भी 25 दिनों से खतरे के बिन्दु से ऊपर बह रही हैं। नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से दो मीटर से अधिक ऊपर है। ऐसे में बंधों पर दबाव बढ़ा है, लेकिन पिछले चार साल में कराए गए कार्यों के कारण स्थिति नियंत्रण में है। मंगलवार की रात दो बंधों का निरीक्षण किया था। कुछ स्थानों से रिसाव की शिकायत थी, उसे दूर कर लिया गया है।
उन्होंने बताया कि अब तक जिले में 181 गांव प्रभावित हैं और करीब एक लाख 98 हजार लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। अभी तक 333 नाव लगाई जा चुकी हैं। बाढ़ से प्रभावित शहर क्षेत्र के 150 लोगों को विस्थापित किया गया है। बाढ़ राहत शिविर में उन्हें विस्थापित कर सभी तरह की सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। ग्राम विकास अधिकारियों को नाव से बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच जाने को कहा गया है।
जलशक्ति मंत्री ने कहा कि नेपाल एवं उत्तराखंड की पहाड़ियों पर अत्यधिक बारिश होने के कारण नदियों में उफान आया है। अधिक दिनों तक बांध के किनारे पानी लगा होने से रिसाव की समस्या थी लेकिन उसे नियंत्रित कर लिया गया है। नदी जोड़ो परियोजना को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इससे काफी फायदा होगा। केन-बेतवा नदी परियोजना को लेकर हस्ताक्षर हो चुके हैं।
डॉ. महेंद्र सिंह ने अधिकारियों के साथ बैठक कर राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी से कहा कि गरीब लोग कुछ दिन की दवाएं ही खरीद पाते हैं और इतने दिनों से बाढ़ में घिरे होने के चलते वे गंभीर बीमारियों की दवा खरीदने भी नहीं निकल पा रहे होंगे, इसलिए उनतक अन्य दवाओं को पहुंचाने की भी व्यवस्था की जाए। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी की ओर से बताया गया कि 60 कुंतल भूसा वितरित किया गया है, इसपर मंत्री ने नाराजगी जताते हुए कहा कि इसमें सुधार किया जाए क्योंकि पशुओं का जीवन बचाना भी महत्वपूर्ण है।
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