उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने शुक्रवार को काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी महोत्सव (Kakori Train Action Shatabdi samaroh) का शुभारंभ किया और काकोरी ट्रेन एक्शन के क्रांतिकारियों व कारगिल युद्ध के बलिदानियों के पारिवारीजन को सम्मानित किया। इस मौके पर सीएम योगी ने कहा कि हमें वीरों के बलिदान से आजादी मिली है।
हमें आजादी अचानक नहीं मिली- योगी
उन्होंने कहा कि जीवन पुष्प चढ़ा चरणों में, मांगे मातृभूमि से यह वर, तेरा वैभव अमर रहे मां, हम दिन चार रहें न रहें। इस संकल्प के साथ देश की स्वतंत्रता के लिए फांसी के फंदे पर झूलना स्वीकार करने वाले क्रांतिकारी हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत हैं। यह संकल्प हर देशवासी को लेना चाहिए। सभी राष्ट्र प्रथम की भावना के साथ राष्ट्रीय अखंडता को बरकरार रखें तो दुनिया की सबसे बड़ी ताकत बनने से भारत को कोई रोक नहीं सकता।
'काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी महोत्सव' का शुभारंभ एवं इस अवसर पर आयोजित 'वीरों को नमन' कार्यक्रम में सम्मिलित होते #UPCM @myogiadityanath #100YrsKakoriKranti
https://t.co/6ftmyEvO0H— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) August 9, 2024
सीएम योगी ने कहा कि हमें आजादी अचानक नहीं मिली। इसके लिए अलग-अलग कालखंडों में संघर्ष किया गया था। स्वतंत्रता आंदोलन का केंद्र बिंदु वैसे तो पूरा भारत था, लेकिन देश की आध्यात्मिक-सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक उत्तर प्रदेश प्रथम स्वतंत्रता समर को लीड कर रहा था। मंगल पांडेय ने बैरकपुर से इसकी अगुवाई की।
उन्होंने कहा कि गोरखपुर में बंधु सिंह, मेरठ में धन सिंह कोतवाल, कानपुर में नाना साहेब व तात्या टोपे और झांसी में महारानी लक्ष्मीबाई ने आजादी के आंदोलन का नेतृत्व किया। क्रांतिकारी गतिविधियों के लिए धन की आवश्यकता थी तो वीर सपूतों ने काकोरी ट्रेन एक्शन किया। एक्शन में अंग्रेजी सरकार के खजाने से 4,679 रुपये क्रांतिकारियों ने लिए थे। उन्हें गिरफ्तार करने और सजा दिलाने में 10 लाख रुपये खर्च किए गए थे। क्रांतिकारियों को बिना सुनवाई के ही फांसी की सजा सुना दी गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अंग्रेजी सरकार इस कदर घबराई हुई थी कि नियत तिथि से पहले ही काकोरी ट्रेन एक्शन के महानायकों को फांसी पर लटका दिया। यह उनकी कायरता का परिचय था। उन्होंने देश को सशक्त बनाने को जीवन का एक ध्येय लेकर चलने के लिए प्रेरित किया। साथ ही कहा कि जो संकल्प लेकर क्रांतिवीर आजादी के लिए लड़े थे, उन्हीं के कर्तव्यों का पालन करते हुए देश को सशक्त बनाया जा सकता है। जाति-मजहब या व्यक्तिगत हित राष्ट्र से बढ़कर नहीं हो सकता। सभी नागरिक कर्तव्य का पालन करें।
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