उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद मऊ के सदर क्षेत्र से विधायक मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को जल्द ही बड़ा झटका लग सकता है। एक ओर पुलिस कार्रवाई का शिकंजा कस रहा है तो दूसरी ओर उनकी विधानसभा सदस्यता (Assembly Membership) रद्द किए जाने की मांग उठने लगी है। माफिया विरोधी मंच ने शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित से मुख्तार अंसारी की विधानसभा सदस्यता रद किए जाने की मांग की है।
जानकारी के अनुसार, माफिया विरोधी मंच के अध्यक्ष सुधीर सिंह की ओर से विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित को सौंपे गए पत्र में बताया गया है कि विधायक मुख्तार अंसारी साल 2005 से विभिन्न संगीन आरोपों में जेल में निरुद्ध हैं। ऐसे में सुधीर सिंह ने मुख्तार अंसारी द्वारा विधानसभा से वेतन व भत्ते लिए जाने को असंवैधानिक करार दिया है। उन्होंने कहा कि मुख्तार अंसारी ने 16 वर्षों में विधानसभा सदस्य के रूप में वेतन व अन्य भत्तों का 6.24 करोड़ रुपए का भुगतान लिया है, जिसकी ब्याज समेत वसूली की जानी चाहिए। इसे लेकर पहले भी एक याचिका दाखिल की जा चुकी है।
विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने माफिया विरोध मंच के अध्यक्ष सुधीर सिंह का पत्र मिलने की बात स्वीकार करते हुए बताया कि बिना सूचना के किसी सदस्य के लंबे समय तक सदन से अनुपस्थित रहने के मामले में कार्यवाही का प्रावधान संविधान में दिया गया है। सदन को ऐसे सदस्य की सदस्यता खत्म करने तक का अधिकार है। सुधीर सिंह ने इस संबंध में ट्वीट कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मुख्तार अंसारी को किए गए भुगतान की ब्याज सहित वसूली की मांग की है।
नियम के अनुसार, संविधान के अनुच्छेद 192 में यह व्यवस्था दी गई है कि अगर कोई सदस्य सदन में लगातार 60 दिन अनुपस्थित रहता है, तो सदन उसकी सदस्यता रद्द की जा सकती है। माफिया विरोधी मंच के अध्यक्ष सुधीर सिंह इसे लेकर विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित और संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना से पहले भी मुलाकात कर चुके हैं।
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