UP Police की महिला सिपाही कराना चाहती थी लिंग परिवर्तन, DGP ने अर्जी पर नहीं लिया फैसला, कोर्ट ने कहा- यह संवैधानिक अधिकार

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने यूपी पुलिस (UP Police) की महिला सिपाही नेहा सिंह (Lady Constable Neha Singh) की लिंग परिवर्तन (Gender Change) की अर्जी पर सुनवाई करते हुए कहा कि चेंडर चेंज करवाना संवैधानिक अधिकार है। आधुनिक समाज में पहचान बदलने के अधिकार से वंचित किया जाना सिर्फ लिंग पहचान विकार सिंड्रोम कहलाएगा। जस्टिस अजीत कुमार की सिंगल बेंच ने यूपी पुलिस की महिला सिपाही नेहा सिंह की अर्जी पर सुनवाई करते हुए टिप्पणी की है।

कोर्ट ने कहा है कभी-कभी ऐसी समस्या बेहद घातक हो सकती है. ऐसा व्यक्ति विकार, चिंता, अवसाद, नकारात्मक छवि और किसी की यौन शारीरिक रचना के प्रति नापसंदगी से पीड़ित हो सकता है। महिला सिपाही नेहा सिंह की तरफ से कोर्ट में जेंडर डिस्फोरिया पीड़ित होने का हवाला दिया गया था।

Also Read: भदोही: वीडियो कॉल पर महिला संग अश्लीलता कर रहा था सिपाही, SP ने की बड़ी कार्रवाई

महिला सिपाही ने याचिका में बताया था कि याची खुद को एक पुरुष के रूप में पहचानती है। इसलिए सेक्स री असाइनमेंट सर्जरी कराना चाहती है। याची का कहना था कि सेक्स री असाइनमेंट सर्जरी कराने का आवेदन पुलिस महानिदेशक कार्यालय में 11 मार्च को अर्जी दी थी, लेकिन आवेदन पर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है। ऐसे में अब उसने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

Also Read: UP में क्राइम कंट्रोल के लिए ‘हिंदू पंचांग’ की मदद लेगी पुलिस, DGP विजय कुमार ने जारी किए निर्देश

वहीं, कोर्ट ने लिंग परिवर्तन कराने की मांग के प्रार्थना पत्र को पुलिस महानिदेशक को निस्तारित करने का निर्देश दिया। साथ ही महिला सिपाही की अर्जी पर कोर्ट ने यूपी सरकार से जवाब दाखिल करने को भी कहा है। हाईकोर्ट ने आवेदन को रोकना उचित नहीं माना है। पुलिस महानिदेशक और यूपी सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया गया है। अब महिला सिपाही की अर्जी पर 21 सितंबर को फिर से हाईकोर्ट सुनवाई करेगी।

( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )