UP: अब जबरन कराया धर्मांतरण तो 5 साल की जेल, घर वापसी नहीं होगा अपराध, सीएम को सौंपी गयी रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर जबरन धर्मांतरण (forcible religious conversion) कराए जाने की रिपोर्ट सामने आने के बाद राज्य विधि आयोग ने योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath government) से सख्त कानून बनाने की सिफारिश की है. इसमें प्रावधान किया गया है कि जबरन धर्मांतरण कराने पर कम से कम एक साल और अधिकतम पांच साल की सजा होगी. विधि आयोग के अध्यक्ष आदित्यनाथ मित्तल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुरुवार को मुलाकात की और उन्हें इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट सौंपी है.


दरअसल, स्टेट लॉ कमीशन ने यूपी में धर्मांतरण को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे किए गए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक यूपी में बड़े पैमाने पर जबरन धर्मांतरण हो रहा है, लोगों को प्रलोभन देकर भी उनका धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है. रिपोर्ट के अनुसार धर्म परिवर्तन के लिए लव जिहाद भी एक कारण है.


यूपी स्टेट लॉ कमीशन की सिफारिश, धर्मांतरण के लिए की शादी तो 7 साल की जेल!

प्रदेश में बड़े पैमाने पर हो रहा धर्मांतरण

उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग के चेयरमैन न्यायमूर्ति आदित्यनाथ मित्तल और सचिव सपना त्रिपाठी ने सीएम योगी आदित्यनाथ को इस सिलसिले में एक रिपोर्ट सौंपी है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो राज्य में बड़े पैमाने पर पहचान छिपाकर लोगों का धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है. स्टेट लॉ कमीशन की रिपोर्ट में कहा गया है कि यूपी में गरीब हिंदुओं और खास तौर पर एससी/एसटी को लालाच देकर धर्मांतरण कराया जा रहा है.


कम से कम एक साल अधिकतम पांच साल की होगी सजा


268 पेज की इस रिपोर्ट में बिल का ड्राफ्ट पेश किया गया है। जिसे देश के अलावा पाकिस्तान, म्यांमार, नेपाल आदि कानूनों को अध्ययन किया गया. इसमें कहा गया है कि किसी तरह जबरन, धोखाधड़ी, तथ्यों को गलत तरीके से पेश कर धर्मांतरण कराने को प्रतिबंधित किया गया है. अगर गलत तरीके से धर्मांतरण कराया गया है तो पीड़ित पक्ष इसके खिलाफ शिकायत दर्ज करवा सकता है. एक साल से कम सजा नहीं होगी जबकि इसे पांच साल किया जा सकता है. इसमें जुर्माने का भी प्रावधान है.


धर्मांतरण कराने वाले संचालक को भी होगी सजा

यदि कोई संस्था या संगठन इसके प्रावधानों का उल्लंघन करता है तो उससे जुड़े संचालक को भी उसी तरह की सजा दी जाएगी. साथ ही संगठन का रजिस्ट्रेशन भी रद किया जा सकता है.  इस एक्ट का उल्लंघन करने वाली संस्था या संगठन को राज्य सरकार की ओर से किसी तरह की  वित्तीय व अन्य मदद नहीं दी जाएगी.


घर वापसी नहीं होगा अपराध

ड्राफ्ट में कहा गया है कि अगर किसी ने दूसरा धर्म अपना लिया था लेकिन वह अपने पुराने धर्म में दोबारा वापसी करना चाहता है तो वह कर सकता है. यह अपराध नहीं माना जाएगा. इस पूरी प्रक्रिया को धर्म परिवर्तन कानून से बाहर होगी.


धर्मांतरण के लिए महीने पहले देना होगा शपथपत्र

ड्राफ्ट में सिफारिश की गई है कि अगर कोई व्यक्ति धर्मांतरण करना चाहता है तो वह पहले जिलाधिकारी या उसके द्वारा नामित अपर जिलाधिकारी को एक महीने पहले शपथ पत्र देना होगा. उसे यह भी घोषित करना होगा कि यह धर्मांतरण छल, प्रलोभन, जबरन या किसी अन्य प्रभाव में नहीं किया जा रहा है. इतना ही नहीं धर्मांतरण करने वाले धर्म गुरुओं को भी डीएम ऑफिस से प्रस्तावित फॉर्म भरकर एक महीने की नोटिस देनी होगी.


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