कोरोना महामारी के बीच UP की GSDP में 2.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी का अनुमान

कोरोना महामारी के बीच उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर अच्छी खबर है। राज्य नियोजन संस्थान के अर्थ एवं संख्या प्रभाग द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार वित्तीय वर्ष 2020-21 के तृतीय त्रैमास यानि अक्टूबर 2020 से दिसंबर 2020 तक प्रदेश की आर्थिक प्रगति बेहतर रही थी। इसके आधार पर प्रदेश के सकल राज्य उत्पाद (GSDP) में 2.1 प्रतिशत की वृद्घि होने का अनुमान लगाया गया है। यह अनुमान वर्ष 2011-12 के स्थिर भावों पर आधारित है।


आर्थिक विशेषज्ञों का दावा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा निर्देश में जिस तरह बीते अक्टूबर से दिसंबर के बीच में कृषि, पशुपालन, मछली पालन, खनन, वाटर सप्लाई, मैन्युफैक्च रिंग, ट्रांसपोर्ट, सर्विस सेक्टर और निर्माण कार्य में तेजी से कार्य हुआ था, उसी तरह से फिर उक्त क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर प्रदेश के राज्य सकल उत्पाद को लेकर अनुमानित की गई 2.1 प्रतिशत की वृद्घि को हासिल किया जा सकता है।


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अर्थ एवं संख्या प्रभाग के विशेषज्ञों के अनुसार बीते साल कोरोना संकट के दौरान लगाए गए लकडाउन के कारण आर्थिक गतिविधियां ठप हो गई थीं। लॉकडाउन हटाए जाने के बाद धीरे -धीरे आर्थिक गतिविधियों को शुरु किया गया। उस दरमियान मुख्यमंत्री ने आर्थिक गतिविधियों को तेज करने के लिए छोटे कारोबारियों से लेकर बड़े उद्योगपतियों से सीधे वार्ता की।


निर्यात कारोबार को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की रियायतें देने का ऐलान किया। आईटी तथा लाजिस्टिक सेक्टर में निवेश के लिए उद्योगपतियों को आमंत्रित किया गया। छोटे कारोबारियों को कारोबार को शुरू करने के लिए बैंकों से लोन दिलाने की व्यवस्था की गई। पटरी दुकानदरों को भी लोन दिलाने का भी इंतजाम किया गया। इसके अलावा ग्रामीणों क्षेत्रों में मछली पालन, मुर्गी पालन, पशुपालन तथा डेयरी कारोबार को बढ़ावा देने संबंधी योजनाओं से युवाओं को जोड़ने का कार्य किया।


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अर्थ एवं संख्या प्रभाग के विशेषज्ञों के अनुसार बीते वित्तीय वर्ष 2020-21 के तृतीय त्रैमास यानि अक्टूबर 2020 से दिसंबर 2020 में फसलों के मूल्यवर्धन में 72676़ 21 करोड़ रुपए अनुमानित किया गया, जो कि बीते वर्ष से 0़ 7 प्रतिशत अधिक है। खनन और उत्खनन क्षेत्र में 7752़ 40 करोड़ रुपए के मूल्यवर्धन का अनुमान लगाया गया है जो कि बीते वर्ष से 43़ 40 प्रतिशत अधिक है।


इसी तरह से पशुपालन, मछली पालन, खनन, वाटर सप्लाई, मैन्यूफैक्च रिंग, ट्रांसपोर्ट, सर्विस सेक्टर और निर्माण सेक्टर के कामकाज में इजाफा होने का अनुमान विशेषज्ञों ने लगाया है। राज्य में खेती किसानी के लेकर औद्योगिक उत्पादन होता रहा। जिसके चलते राज्य में बीते एक वर्ष के दौरान यूपी का निर्यात कारोबार लगातार बढ़ा है, वही महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु सरीखे राज्यों का निर्यात कारोबार घट गया है। जबकि कोरोना महामारी के बीच उत्तर प्रदेश से चावल, गेहूं, दाल, चीनी, डेयरी उत्पाद तथा अन्य खाद्य पदार्थ और कालीन तथा चमड़े से बने सामान आदि का निर्यात बीते साल के मुकाबले बढ़ा गया।


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