मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक (Cabinet Meeting) में उत्तर प्रदेश वस्त्र एवं गारमेंटिंग पॉलिसी-2022 (Uttar Pradesh Textile and Garmenting Policy) को मंजूरी मिल गई है। इसमें किसी भी प्रकार के संशोधन के लिए सीएम योगी को अधीकृत कर दिया गया है। इस पॉलिसी के जरिए सरकार को 10 हजार करोड़ रुपए के निवेश की उम्मीद है। वहीं, इससे पांच लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।
पॉलिसी अगले पांच साल तक होगी प्रभावी
जानकारी के अनुसार, निजी क्षेत्र के पांच वस्त्र एवं परिधान पार्क भी विकसित किए जाएंगे। इस पॉलिसी का मुख्य उद्देश्य प्रदेश को वैश्विक स्तर के वस्त्र निर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करना तथा वस्त्र उद्योग से संबंधित सभी प्रकार की इकाइयों जैसे हैंडलूम, पावरलूम, स्पिनिंग, वीविंग, प्रोसेसिंग, गारमेंटिंग आदि को बढ़ावा देना है। सरकार इसके जरिए हथकरघा और पावरलूम बुनकरों की आय में 50 प्रतिशत की वृद्धि, पावरलूमों का आधुनिकीकरण एवं सौर ऊर्जा के माध्यम से संचालन करना तथा प्रदेश के अंदर रेशम के धागों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए इसका उत्पादन बढ़ाएगी।
इस पॉलिसी के तहत स्थापित होने वाली इकाइयों में वित्तीय सुविधाओं के साथ विशेष प्रोत्साहन भी प्रदान करने की व्यवस्था है। यह पॉलिसी जारी होने की तिथि से पांच वर्ष तक प्रभावी रहेगी। इसमें वस्त्र एवं गारमेंटिंग इकाइयों को प्लांट और मशीनरी के क्रय पर किए गए निवेश पर 25 प्रतिशत पूंजी की प्रतिपूर्ति की जाएगी। इसके अलावा राज्य के मध्यांचल क्षेत्र में स्थापित होने वाली वस्त्र एवं गारमेंटिंग इकाइयों को पांच प्रतिशत की दर से तथा पूर्वांचल एवं बुंदेलखंड में स्थापित होने वाली इकाइयों को 10 प्रतिशत की दर से अतिरिक्त पूंजी की प्रतिपूर्ति की जाएगी।
सब्सिडी अधिकतम सीमा 100 करोड़ रुपये प्रति यूनिट रखी गई है। प्राधिकरणों या अन्य सरकारी संस्थाओं द्वारा निर्मित फ्लैटेड फैक्ट्री के किराये पर लेने पर 50 प्रतिशत अनुदान पांच वर्ष तक दिया जाएगा। नया रोजगार प्रारंभ करने के लिए स्थापित प्लांट एवं मशीनरी तथा अवस्थापना लागत का 75 प्रतिशत अनुदान अधिकतम 25 लाख रुपये दिया जाएगा।
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सुविधाओं के लिए भी मिलेगा अनुदान
वस्त्र एवं गारमेंटिंग इकाइयों को अपने स्वयं के इस्तेमाल के लिए अवस्थापना सुविधाएं सड़क, जल आपूर्ति एवं जल निकासी, विद्युत आपूर्ति-पावर लाइन, ट्रांसफार्मर आदि के विकास के लिए परियोजना लागत का 50 प्रतिशत, अधिकतम तीन करोड़ रुपये प्रति इकाई दिया जाएगा। एफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट (ईटीपी) एवं डीजी सेटों के लिए परियोजना लागत का 50 प्रतिशत, अधिकतम पांच करोड़ रुपये प्रति इकाई दी जाएगी।
मिलेगा रोजगार सृजन व विपणन प्रोत्साहन
रोजगार सृजन में मेगा और सुपर मेगा इकाइयां मुख्य भूमिका निभाती हैं। इनके आस-पास छोटी सहायक इकाइयों का विस्तार होता है। प्रदेश सरकार ऐसी इकाइयों को विशेष प्रोत्साहन के रूप में रोजगार सृजन अनुदान प्रदान करेगी। प्रदेश के हथकरघा/पावरलूम बुनकरों द्वारा उत्पादित उत्पादों एवं रेशम के वस्त्रों की बिक्री को प्रोत्साहन देने के लिए प्रदेश के बाहर देश के बड़े शहरों में प्रति वर्ष चार विशेष प्रदर्शनियों का आयोजन किया जाएगा। ऐसी प्रदर्शनियों में प्रतिभाग करने के लिए बुनकरों को सहायता प्रदान की जाएगी। प्रत्येक प्रदर्शनी पर अनुमानित व्यय 50 लाख रुपये होगा।
बिजली के बिल में पाच साल तक मिलेगी छूट
वहीं, वाणिज्यिक उत्पादन शुरू होने की तारीख से पांच वर्ष के लिए प्रति बिल यूनिट (किलोवाट) के लिए दो रुपये की सब्सिडी प्रदान की जाएगी। इसकी अधिकतम सीमा प्रतिवर्ष प्रति इकाई 90 लाख रुपये तक होगी। इकाई लगाने के लिए प्लाट के पहले खरीदार को स्टांप शुल्क की शत प्रतिशत छूट बैंक गारंटी (एफडीआर) के विरुद्ध प्रदान की जाएगी।
प्रदेश के युवाओं को स्वरोजगार के प्रति आकर्षित कर हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग के क्षेत्र में उत्पादन, डिजाइन विपणन या निर्यात से संबंधित नया रोजगार शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इन्हें यूपीसीडा, गीडा, नोयडा, ग्रेटर नोयडा या अन्य प्राधिकरणों से भूमि खरीद में वरीयता दी जाएगी।
इन्हें भी मिलेगी भारी छूट
इंडियन इंस्टीट्यूट आफ हैंडलूम टेक्नोलाजी से तीन वर्षीय डिप्लोमा पास जो एक शेड में पांच से 20 हथकरघा या फिर पांच से 10 पावरलूम की स्थापित कर स्वयं के बुनाई का नया रोजगार प्रारंभ करते हैं, तो उन्हें प्रोजेक्ट की कीमत का 75 प्रतिशत अनुदान मिलेगा। हथकरघा के लिए यह अधिकतम सीमा 20 लाख रुपये प्रति व्यक्ति/समूह होगा।
पावरलूम क्षेत्र के लिए अधिकतम सीमा 60 लाख रुपये प्रति व्यक्ति/समूह तक दिया जाएगा। टेक्सटाइल डिजाइन या फैशन डिजाइन या फैशन ब्रांडिग/मार्केटिंग में स्नातक करने वाले युवाओं को भी डिजाइनर स्टूडियो स्थापित करने के लिए उन्हें प्रोजेक्ट कास्ट का 75 प्रतिशत अधिकतम 30 लाख रुपये अनुदान दिया जाएगा।
वहीं, प्रदेश के युवा अगर वस्त्रों की बिक्री के लिए मार्केटिंग कंपनी बनाकर यदि नया रोजगार प्रारंभ करते हैं तो उन्हें भी आवश्यक अवस्थापना सुविधाओं पर आने वाली लागत का 75 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। अनुदान अधिकतम 50 लाख प्रति कंपनी दिया जाएगा।
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