Video: जब सदगुरु के साथ बाइक राइडिंग पर निकले बाबा रामदेव, मचाई धूम

लिटरेचर फेस्टिवल में पहुंचे बाबा रामदेव ने ईशा संस्था के संस्थापक सदगुरु जग्गी वासुदेव के साथ बाइक पर जमकर सैरसपाटा किया. इसी से सम्बंधित सदगुरु  ने एक विडियो भी ट्विटर पर शेयर किया. जिसमें  रामदेव बाइक पर पर पीछे बैठे दिख रहे हैं और सद्गुरु बाइक को चला रहे हैं.

 

लिटरेचर फेस्टिवल में रामदेव का सदगुरु  के साथ हुआ टॉक सेशन बेहद खास रहा.  सदगुरु  के साथ बाबा रामदेव ने इस दौरान सदगुरु जग्गी वासुदेव ​​​​​​ने हिंदी में बाबा रामेदव से पूछा मोटरसाइकिल राइडिंग कैसी लगी ? इस पर मुस्कुराते हुए योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा ‘मुझसे गुरुजी बोले बाइक में पीछे बैठ कर हाथ मत छोड़ना , एक बार मैने दोनों हाथ छोड़ा तो अचानक पीछे की ओर हिचकोले खाने गया. फिर मैंने अपने दोनों घुटनों के सहारे सदगुरु को जकड़ लिया.

 

बाबा ने आगे कहा राइडिंग के दौरान एक बार हाथ जोड़ा तो गुरुजी ने कहा आप हिल क्यों रहे हैं , तो मैंने उनसे कहा गुरु को पकड़ कर रखा हूं.  उन्होंने आगे कहा जो गुरु को पकड़ कर रखेगा वह दुनिया में किसी से नहीं हिलेगा. वहीं इस लिटेचर फेस्टिवल में सदगुरु ने युवा पीढ़ी में टेक्नोलॉजी के प्रभाव , भारतीयों में संस्कृति प्रेम का अभाव , सुखी रहने , क्रोध जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर अपने विचार रखे.

 

 

युवा पीढ़ी में बढ़ रहे टेक्नोलॉजी के प्रभाव के बारे में बोलते हुए सदगुरु ने कहा टेक्नोलॉजी का उपयोग करना कोई बुराई नहीं हैं. लेकिन हमें इसके लिए भी समय सिमा तय करनी होंगी. टेक्नोलॉजी का अनावश्यक और हद से अधिक उपयोग करना हानि पहुंचा है. इसके जरिए इंसान शारीरिक परिश्रम करने से भी बचता है.

 

सदगुरु ने कहा हम बेवजह पश्चिमी देशों की हर चीज को  तवज्जो देते हैं. फिर हम कहने लगते हैं कि हम भारतीय पीछे हैं. उन्होंने मनुष्य को जीवन में सुखी रहने को लेकर कहा कि आप सामने वाले के साथ मानवतापूर्ण व्यवहार करें. जरूरतमंद की मदद करे, जानवर को प्यार और आहार दें. पौधों को पानी दे, नदी की स्वच्छता का ख्याल रखें. इस तरह से जीवन सुखमय हो जाएगा.

 

उन्होंने कहा क्रोध की प्रवृत्ति रखने वाले मनुष्य का जीवन विनाश की तरह है. जो क्रोध जैसे वायरस की वजह से शारीरिक और मानसिक रूप से कमजोर करता है.

 

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