Vijay Diwas: भारत-पाक के बीच अब तक हो चुके हैं 4 युद्ध, जानिए इससे जुड़ी 5 रोचक बातें

स्पेशल न्यूज़: भारत के इतिहास में 16 दिसंबर को काफी महत्वपूर्ण दिन माना जाता है. इस दिन को विजय दिवस के रूप में भी मनाया जाता है. यह दिन देश के लिए जान देने वाले हमारे भारतीय शूरवीरों के लिए बहुत खास माना जाता है. सन 1971 में भारत और पश्चिमी पाकिस्तान के बीच पूर्वी पाकिस्तान में लोगों पर अत्याचार के खिलाफ युद्ध हुआ था. इस भारत और पाकिस्तान के बीच हुए इस युद्ध में 93000 पाकिस्तानी सैनिकों ने इंडियन आर्मी के आगे अपने घुटने टेक दिए थे. बता दें कि देश की आजादी के बाद भारत में पाकिस्तान के बीच कई युद्ध हुए थे लेकिन सबसे ज्यादा 1971 और 1999 में हुए कारगिल युद्ध को सबसे ज्यादा याद किया जाता है. भारत और पाकिस्तान के बीच 1947, 1965, 1971 और 1999 में युद्ध हुआ है.


जानिए इससे जुडी 5 रोचक बातें-

1- 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध को 16 दिसंबर को 49 साल हो जाएंगे. इस दिन पाकिस्तान के सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने घुटने टेक दिए थे. देश के विभाजन के बाद से भारत-पाकिस्तान के बीच1947, 1965, 1971 और 1999 में युद्ध हुए है. 1971 के इस युद्ध में भारतीय सेना ने अपने करीब 1500 बहादुर सैनिकों को खो दिया था. ये उस समय की सबसे बड़ी क्षति थी. इस क्षति को आज भी पूरा नहीं किया जा सकता है.


2- 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तानी सेना के 93000 सैनिकों ने युद्ध के दौरान सफेद झंडा दिखाकर, खुद को इंडियन आर्मी के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था. यह जो युद्ध था बांग्लादेश मुक्ति संग्राम का परिणाम था, जब बांग्लादेश पाकिस्तान से आजादी हुआ था. खास बात आपको बता दें पहले पाकिस्तान को पश्चिमी पाकिस्तान और पूर्वी पाकिस्तान (बांग्लादेश) पूकारा जाता था.


3- युद्ध में भारत की जीत से बांग्लादेश का जन्म हुआ. जोकि भारतीय सेना के लिए जश्न का एक बड़ा था। इसलिए, इस दिन (16 दिसंबर) को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है. भारतीय सेना की जीत का स्मरण करने के लिए पीएम से लेकर एक नागरिक कर उनके बलिदान को याद करता है.


4- यही नहीं कहा जाता है कि 16 दिसंबर 1971 को भारत-पाकिस्तान के बीच सैन्य युद्ध 3 दिसंबर तक ढाका पहुंचते-पहुंचते कम हो गया था.


5- भारत-पाकिस्तान के हुए इस युद्ध में दोनों तरफ से करीब 4000 हजार सैनिक इस युद्ध में शहीद हुए थे. ऐसे कहा जाता है कि युद्ध के दौरान बांग्लादेश के 3 लाख लोग मारे गए थे.


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