World Maleria Day: कौन सा मलेरिया है सबसे खतरनाक, जानें लक्षण, उपाय और बचाव का तरीका

 

25 अप्रैल को यानी कि कल विश्व मलेरिया दिवस है. यह खास दिन मलेरिया बुखार के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है. मलेरिया (Malaria) का समय पर निदान और इलाज ना किया जाए, तो यह जानलेवा भी साबित हो सकता है. बता दें, दुनिया भर में कई ऐसे देश हैं जो मच्छर के काटने से होने वाली इस जानलेवा बीमारी मलेरिया से लड़ रहे हैं. इसी के चलते आज हम आपको मलेरिया से होने वाले नुकसान, इससे बचने के तरीके और इसके लक्षणों के बारे में भी बताएंगे.

कैसे होता है मलेरिया

इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल (नई दिल्ली) के सीनियर कंसल्टेंट, इंटरनल मेडिसिन डॉ. सुरनजीत चटर्जी कहते हैं कि आमतौर पर मलेरिया सबसे ज्यादा मानसून और गर्मी के सीजन में होता है, क्योंकि इन दिनों मच्छरों की संख्या काफी बढ़ जाती है. मलेरिया के मच्छर ज्यादा तर उन जगहों पर पनपते हैं, जहां गंदगी होती है, गंदा पानी जमा होता है. मलेरिया एनोफेलीज मच्छर (anopheles mosquito) के काटने से होता है. एनोफेलीज मच्छर प्लास्मोडियम पैरासाइट से संक्रमित होता है और जब ये मच्छर किसी को काट लेता है, तो ये पैरासाइट ब्लड में प्रवेश करके लाल रक्त कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने लगता है.

मलेरिया के लक्षण

मलेरिया होने पर मुख्य रूप से तेज बुखार होता है. साथ ही सिर दर्द, बदन दर्द, ठंड लगना आदि लक्षण नजर आते हैं. व्यक्ति को 103 डिग्री से लेकर 105 डिग्री तक बुखार हो सकता है. क्लासिकली कभी-कभी ऐसा होता है कि कई बार मलेरिया का बुखार आता है और फिट ठीक हो जाता है. फिर से बुखार आता है और फिर से ठीक हो जाता है. इसे हम इंटरमिटेंट फीवर कहते हैं. कई बार लगातार भी बुखार हो सकता है. ऐसे में गर्मी या मानसून के मौसम में जब भी आपको तेज बुखार हो, बदन दर्द या सिर दर्द हो, तो लापरवाही बिल्कुल भी नहीं बरतनी चाहिए. डॉक्टर से जरूर दिखा लेना चाहिए. यह मलेरिया हो सकता है. मलेरिया के लक्षण 24 घंटे से 48 घंटे में नजर आ सकते हैं.

मलेरिया का निदान और इलाज

मलेरिया का निदान लैब टेस्ट के जरिए होता है. मलेरियल पैरासाइट और मलेरियल एंटीजेन टेस्ट किया जाता है. इन्हीं टेस्ट के जरिए लैब वाले बताते हैं कि किस प्रकार के मलेरिया से व्यक्ति ग्रस्त है. यदि नॉर्मल मलेरिया हुआ है, तो इलाज सही तरीके से हो, तो व्यक्ति तीन से पांच दिन में ठीक हो सकता है. यदि दवा सही है, डोज पहले से ही दिया जाए और रेजिस्टेंट मलेरिया नहीं है, तो व्यक्ति जल्दी ही स्वस्थ हो सकता है. यदि सीवियर फैल्सीपेरम मलेरिया हुआ है और इसका इलाज सही से ना किया जाए, तो मौत भी हो सकती है.

मच्छरों से बचाव के उपाय

घर के आसपास साफ-सफाई का ख्याल रखें.
कहीं भी पानी ना जमने दें.
मच्छरदानी लगाकर सोएं.
मॉस्किटो रेपलेंट्स का इस्तेमाल करें.

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