जाति, मत, मजहब के नाम पर बांटने वालों से योगी ने पूछा, ‘कहां है जातिवाद-संप्रदायवाद और उपासना विधि का विवाद’

वाराणसी: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने सोमवार को वाराणसी के सतुआ बाबा गोशाला डोमरी में चल रहे श्री शिव महापुराण कथा में शामिल होकर एक मजबूत संदेश दिया। सीएम ने धर्म, जाति, और संप्रदाय के नाम पर समाज में बंटवारे की कोशिशों को नकारते हुए कहा, “कहा है जातिवाद, संप्रदायवाद और उपासना विधि का विवाद?” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पावन कथाओं के माध्यम से राष्ट्रीय एकता को बल मिलता है और यह देश की समृद्ध धार्मिक परंपराओं का हिस्सा है।

सीएम योगी ने कहा, “यह कथा हमारी राष्ट्रीय एकता और अखंडता के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, और हमें इसे बनाए रखने का हर संभव प्रयास करना चाहिए। हमारे लिए सर्वोपरि राष्ट्र की एकता और धर्म का पालन है।” उन्होंने इस दौरान व्यासपीठ पर बैठे पं. प्रदीप मिश्र का आभार व्यक्त किया और शुभकामनाएं दीं।

कुंभ 2025 का आयोजन

मुख्यमंत्री ने आगामी महाकुंभ 2025 के आयोजन का जिक्र करते हुए कहा कि यह दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक और सामाजिक समागम होगा, जो 13 जनवरी से 26 फरवरी तक प्रयागराज में आयोजित होगा। उन्होंने कहा कि काशी में हो रही इस कथा के माध्यम से कुंभ का अद्भुत दर्शन हो रहा है, जहां लोग अनुशासन और श्रद्धा के साथ कथा का श्रवण कर रहे हैं।

धार्मिक एकता और अनुशासन

सीएम योगी ने आगे कहा कि पं. प्रदीप मिश्र की कथाओं में लाखों श्रद्धालु एकत्र होते हैं, और उनके अनुशासन का उदाहरण दिखाता है कि एक सच्चे भक्त की पहचान क्या होती है। उन्होंने कहा, “जिसका आत्मानुशासन है, वही भौतिक जीवन में भी अनुशासन बनाए रखता है।”

समाज में एकता का संदेश

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस कथा का दृश्य समाज में एकता और समानता का प्रतीक है। “यह हमारी सनातन धर्म की पहचान है और समाज के समता के सिद्धांत को प्रस्तुत करता है। इस कथा के माध्यम से हम यह दिखा रहे हैं कि हम जाति, क्षेत्र या भाषा के आधार पर नहीं बंटते, बल्कि हम सब एकजुट होकर अपने राष्ट्रधर्म के निर्वाह में भागीदार हैं।”

विहंगम दृश्य और संदेश

सीएम ने कथा स्थल के विहंगम दृश्य की तारीफ करते हुए कहा कि सतुआ बाबा ने जिस स्थान का चयन किया है, वहां से बाबा विश्वनाथ, कालभैरव, मां गंगा और मां अन्नपूर्णा के दर्शन हो रहे हैं, और यही दृश्य उन लोगों के लिए एक उत्तर है, जो समाज में बंटवारे की कोशिश करते हैं।

भगवान वेदव्यास का संदर्भ

उन्होंने भगवान वेदव्यास की महिमा का उल्लेख करते हुए कहा, “वेदव्यास ने चार वेदों का संग्रह किया और आने वाली पीढ़ियों को दिए। उन्होंने महाभारत और श्रीमद्भागवत जैसे ग्रंथों की रचना की, जिनमें जीवन की सफलता के रहस्य छिपे हैं। वे हमेशा धर्म और न्याय के मार्ग पर चलने का संदेश देते रहे।” इस अवसर पर सीएम योगी ने उपस्थित श्रद्धालुओं से अपील की कि वे धर्म के मार्ग पर चलें और समाज की एकता के लिए काम करें।

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