मंत्रिमंडल से ओमप्रकाश राजभर की बर्खास्तगी के बाद फिर से मंत्रिमंडल के पुनर्गठन और विस्तार की ख़बरें तेज हो गयीं है. मंत्रिमंडल के पुनर्गठन की जरूरत लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के विभिन्न सीटों पर खड़े मंत्रियों के चुनाव जीतने के कारण भी होगी. ऐसे में खबर चल रही है कि 23 मई को चुनाव परिणाम आने और नई सरकार के गठन के बाद जून के पहले हफ्ते में मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है.
राजभर के निकलने के बाद अब 46 मंत्री: मुख्यमंत्री समेत 47 सदस्यीय मंत्रिमंडल में राजभर को बाहर किए जाने के बाद अब 46 मंत्री हैं. राजभर का पिछड़ा व दिव्यांग कल्याण विभाग मुख्यमंत्री के अधीन आ गया है. मानक के अनुसार सीएम अपने मंत्रिमंडल की संख्या 60 तक रख सकते हैं. चुनाव लड़ रहे चार मंत्री यदि सांसद बन जाते हैं, तो उन्हें मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ेगा. 23 को परिणाम आने के बाद चुनाव जीतने वाले मंत्रियों के विभागों का बंटवारा फौरी तौर पर मुख्यमंत्री अपने पास या सहयोगी मंत्रियों के बीच कर सकते हैं लेकिन कुछ दिनों में उन्हें मंत्रिमंडल का विस्तार करना ही पड़ेगा.
बता दें कि लोकसभा चुनाव में प्रदेश के चार काबीना मंत्री अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. इनमें इलाहाबाद से परिवार महिला कल्याण व पयर्टन मंत्री रीता बहुगुणा जोशी, आगरा (सु.) पशुधन मंत्री एस.पी. सिंह बघेल, कानपुर से खादी, लघु उद्योग मंत्री सत्यदेव पचौरी व सहकारिता मंत्री अम्बेडकरनगर से मुकुट बिहारी वर्मा हैं.
चुनाव में परफार्मेन्स से तय होगा मंत्रियों का कद
असम के प्रभारी महेन्द्र सिंह व मध्य प्रदेश के प्रभारी स्वतंत्रदेव सिंह की पदोन्नति दोनों राज्यों के परिणामों पर निर्भर है. चुनाव के समय प्रभारी बनाए गए मंत्रियों की अपनी सीटों के प्रत्याशियों के हारने-जीतने पर मंत्रिमंडल में उनका कद तय होगा.
संगठन में भी फेरबदल की संभावना
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय इस बार भी चंदौली लोकसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतरे. एक्जिट पोल में फिर से मोदी सरकार बनने का आंकड़ा आया है. डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय पहले भी मोदी सरकार में राज्य मंत्री रह चुके हैं और इस बार चुनाव जीतने पर उनका कद बढ़ाया जा सकता है. डॉ. पांडेय के अलावा भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह मस्त- बलिया, भाजपा अनुसूचित मोर्चा के अध्यक्ष विनोद सोनकर-कौशांबी, अनुसूचित मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कौशल किशोर-मोहनलालगंज, पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राजेश वर्मा-सीतापुर से चुनाव मैदान में थे. इन पदाधिकारियों के चुनाव जीतने और हारने दोनों स्थिति में ही उनके कद और पद पर असर पडऩा स्वाभाविक है. बीजेपी अब मिशन 2022 के मुतानिक संगठन तैयार करेगी.
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