महिला सशक्तिकरण व आर्थिक स्वावलंबन को जुटे योगी, स्वयं सहायता समूहों को दी 445 करोड़ की मदद

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने गांवों के विकास पर जोर देते हुए ‘उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन’ को प्रोत्साहित करने के लिए बहुत बड़ा कदम उठाया है. उन्होंने इस मिशन के 97,663 स्वयं सहायता समूहों एवं उनके संगठनों को 445.92 करोड़ रुपए की पूंजीकरण धनराशि का ऑनलाइन आवंतन किया. इस अवसर पर सीएम योगी ने विभिन्न महिला स्वयं सहायता समूहों की सदस्यों से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद किया.


मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं को स्वावलम्बी बनाकर उनके सशक्तिकरण में उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की बड़ी भूमिका है. उन्होंने कहा कि राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के स्वयं सहायता समूह विभिन्न क्षेत्रों में काम करने के इच्छुक हैं. प्रशासन एवं राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अधिकारी स्वयं सहायता समूहों को शासन की योजनाओं से जोड़ें, जिससे यह समूह लाभकारी बन सकें. उन्होंने कहा कि अधिकारियों को मातृशक्ति को स्वावलम्बन की दिशा में आगे बढ़ने में पूरे समर्पण के साथ सहायक बनना चाहिए.


दोगुने हों स्वयं सहायता समूह, ODOP योजना से जोड़ा जाए

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले एक वर्ष में प्रदेश में स्वयं सहायता समूहों की संख्या को दोगुना करने के लक्ष्य के साथ कार्य किया जाना चाहिए. यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में बहुत महत्वपूर्ण होगा.  उन्होंने कहा कि हमारे स्थानीय उत्पाद एवं महिला स्वयं सहायता समूह आत्मनिर्भर भारत का आधार बनेंगे. स्वयं सहायता समूहों को एक जनपद-एक उत्पाद योजना के उत्पादों से भी जोड़ा जाए तथा उत्पादों की ब्राण्डिंग और मार्केटिंग की जाए.


महिला स्वयं सहायता समूहों को मिले प्राथमिकता

सीएम योगी ने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूहों के पास ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालयों के रख-रखाव, राशन की दुकानों के संचालन, पोषाहार के वितरण, स्कूल ड्रेस एवं स्वेटर के निर्माण, अगरबत्ती के निर्माण, गौ आधारित खेती, गोबर एवं मिट्टी के दीयों के निर्माण में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर हैं. उन्होंने कहा कि अनियमितता के कारण राशन की दुकानों के निलम्बन पर दुकान के आवंटन में महिला स्वयं सहायता समूहों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए.


डेयरी के कार्यों से महिला स्वयं सहायता समूहों को जोड़ा जाए

झांसी जिले की महिला स्वयं सहायता समूह बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कम्पनी द्वारा पिछले 01 वर्ष में 46 करोड़ रुपए के कारोबार तथा 2.26 करोड़ रुपए के लाभार्जन की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ऐसी सम्भावना सभी जिलों में मौजूद है. उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में डेयरी के कार्यों से महिला स्वयं सहायता समूहों को जोड़ा जाना चाहिए. इनके प्रशिक्षण के लिए बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कम्पनी के कार्यक्रम अन्य महिला स्वयं सहायता समूहों में लगाए जाने चाहिए.


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के हर गांव में बैंकिंग गतिविधियों के लिए बी0सी0 (बैंकिंग कॉरेस्पॉन्डेण्ट) सखी का चयन किया गया है. प्रशिक्षण के बाद बी0सी0 सखी ग्रामीण क्षेत्र में बैंकिंग का कार्य करेंगी. बी0सी0 सखी की मदद से लोग बैंक में लाइन लगाए बगैर सुविधापूर्ण ढंग से धनराशि की जमा और निकासी कर सकेंगे.


किसको कितनी राशि मिली

27,962 स्वयं सहायता समूह की 3,07,582 सदस्यों को 41.94 करोड रुपए
रिवॉल्विंग फण्ड के रूप में, 29,653 समूहों की 3,05,228 सदस्यों को 326.18 करोड़ रुपए
सामुदायिक निवेश निधि के रूप में, 602 समूहों की 30,100 सदस्यों को 12.04 करोड़ रुपए
आजीविका निधि के रूप में, 550 समूहों की 27,500 सदस्यों को 11 करोड़ रुपए
प्रेरणा कृषि टूल बैंक की स्थापना के लिए  704 समूहों की 14,080 सदस्यों को 10.56 करोड रुपए
उत्पादक समूह सहायता निधि में, 2,003 समूहो की 1,40,210 सदस्यों को 15.90 करोड़ रुपए
जोखिम निवारण निधि के रूप में, 53 समूहों की 10,600 सदस्यों को 1.59 करोड़ रुपए
बीमा सहायता निधि के रूप में, 31,967 समूहों की 3,51,637 सदस्यों को 4,80 करोड़ रुपए
स्वयं सहायता समूह स्टार्टअप निधि के रूप में, 2,117 ग्राम संगठनों की 1,27,020 सदस्यों को 15.31 करोड़ रुपए
ग्राम संगठन स्टार्ट अप निधि के रूप में और 174 संकुल संघों की 1,74,000 सदस्यों को 6 करोड़ रुपए स्टार्ट-अप निधि के रूप में प्रदान की गई.


बता दें कि महिलाओं को आर्थिक स्वावलम्बन प्रदान करने के उद्देश्य से योगी सरकार द्वारा बीते साढ़े तीन वर्षों में अनेक नीतिगत प्रयास किए गए हैं. स्वयं सहायता समूह इस दिशा में महत्वपूर्ण आधार बन कर उभरी हैं. प्रदेश में 3,93,447 स्वयं सहायता समूहों से करीब 45,24,640 परिवारों को बड़ा आर्थिक सम्बल प्राप्त हुआ है. अब तक करीब 67 हजार समूह सदस्यों द्वारा 1 करोड़ 28 हजार स्कूल ड्रेस का निर्माण किया गया है, जिससे लगभग 100 करोड़ से अधिक की आमदनी हासिल हुई.


वर्तमान में महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा 1,141 उचित दर की दुकानों का संचालन किया जा रहा है, तो 52,981 अंगनबाड़ी केंद्रों में इन्हीं समूहों द्वारा सूखे राशन का वितरण भी किया गया. योगी सरकार करीब 58 हजार ग्राम पंचायतों में बैंकिंग सखी की नियुक्ति कर रही है, जिसमें महिला स्वयं सहायता समूहों की सदस्यों को वरीयता दी गई है. यही नहीं, 7,213 स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से सामुदायिक शौचलयों का संचालन भी हो रहा है.


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