UP में बाल श्रम रोकने की तैयारी, नियमों को सख्त कर रही योगी सरकार

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) का मानना है कि बाल श्रम किसी भी सभ्य समाज के लिए अभिशाप है, इसलिए सरकारों को आगे आकर बाल श्रम रोकने के लिए सख्त नियम बनाने चाहिए. इसी कड़ी में योगी सरकार बाल श्रम कानून में कुछ बदलाव करने जा रही है ताकि लोगों के अंदर बच्चों से काम करवाने को लेकर डर पैदा हो और वो ये गैरकानूनी काम करने से बचें. राज्य की योगी सरकार सजा और जुर्माने के प्रावधान कड़े करने जा रही है, अब बाल मजदूरी के मामले में पकड़े जाने पर फैक्ट्री या कारखाना मालिक को एक साल तक की जेल हो सकती है और 60 हजार रुपये जुर्माने की राशि के तौर पर वसूले जाएंगे.

हालांकि पहले भी बाल श्रम के मामले में 5 हजार से 20 हजार रुपये का जुर्माना और एक से तीन महीने की सजा का प्रावधान है मगर अब इसे और कड़ा किया जा रहा है. इसके बाबत बाल श्रम अधिनियम की राज्य नियमावली में बदलाव का मसौदा तैयार करके राज्य स्तरीय समिति से अनुमोदन लिया जा चुका है. अगली कैबिनेट की बैठक में इस बदलाव पर मुहर लग जाएगी और ये पूरे प्रदेश में प्रभावी रूप से लागू हो जाएगा.

जुर्माने को बढ़ाकर न्यूनतम 60 हजार किया 
तीन महीने की सजा के चलते दोषी थाने से ही निजी मुचलके पर रिहा हो जाते थे तो पुलिस और प्रशासन की सारी कवायद बेकार हो जाती थी इसलिए श्रम विभाग ने इसमें बदलाव करने के बारे में सोचा. इस मसौदे में जुर्माने को बढ़ाकर न्यूनतम 20 हजार से 60 हजार रुपये किया गया है और साथ ही सजा का प्रावधान भी तीन महीने से एक साल तक किया गया है. श्रम विभाग के अधिकारियों का मानना है कि इसके बाद से बाल श्रम के मामलों में कमी देखने को मिलेगी. योगी आदित्यनाथ ने बाल मजदूरों को विभिन्न योजनाओं से जोड़ने के आदेश जारी किए थे जिसके बाद ही श्रम विभाग ने यह मसौदा तैयार किया है. राज्य सरकार के कई विभाग मिलकर बाल मजदूरों के लिए कार्ययोजना तैयार कर रहे हैं ताकि उन्हे मुख्यधारा से जोड़ा जा सके. बाल श्रमिक विद्या योजना, स्कूल चलो अभियान ऐसी ही कुछ योजनाएं हैं.

आपको बता दें कि अपने पहले कार्यकाल में योगी सरकार ने बाल श्रमिक विद्या योजना की शुरुआत की थी जिसमें 57 जिलों के 2000 बच्चों को चिह्नित करके उन्हें आर्थिक मदद दी थी ताकि वो शिक्षा हासिल कर सकें. इस योजना के तहत बालकों को 1 हजार रुपये और बालिकाओं को 1200 रुपये दिए जाते हैं.

पहली गलती पर मिलेगी केवल चेतावनी
योगी सरकार के श्रम मंत्रालय में दर्जा प्राप्त मंत्री रघुराज सिंह कहते हैं कि नए नियम के अनुसार बाल श्रम का मामला पकड़े जाने के बाद अगर ये पहली गलती हुई और फैक्ट्री मालिक अपनी गलती स्वीकारता है तो उसे महज चेतावनी देकर छोड़ दिया जाएगा, कोई सजा नहीं होगी, सिर्फ जुर्माना वसूला जाएगा. मगर दूसरी बार पकड़े जाने पर सजा भी होगी और जुर्माना भी वसूला जाएगा. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी बाल श्रम के बेहद खिलाफ हैं और अधिकारियों को उन्होंने ताकीद किया है कि कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

बच्चों के प्रति अपराध को लेकर सरकार सख्त
योगी सरकार बच्चों के प्रति अपराध को लेकर भी काफी सख्ती से पेश आ रही है. इस बार मिशन शक्ति के साथ पॉक्सो के केस पर भी काफी जोर दिया जा रहा है. एडीजी अभियोजन आशुतोष पांडे का कहना है कि कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री जी के साफ निर्देश हैं कि महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हो रहे अपराध को रोकना ही लक्ष्य है. साथ ही इस तरह के आपराधिक मामलों की पैरवी भी ढंग से की जाए ताकि दोषियों को जल्द से जल्द सज़ा मिले. किसी भी तरह की हीला हवाली नहीं चलेगी.

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