उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार ने राम वन गमन पथ (Ram Van Gaman Path) बनाने जा रही है. सरकार की योजना है कि वनवास जाते समय जहां-जहां प्रभु श्रीराम के चरण पड़े, उन रास्तों के विकास के लिए वनगमन मार्ग तैयार किया जाए. लोक निर्माण विभाग इस मसौदे पर लंबे समय से काम कर रहा है. बताया जा रहा है कि अयोध्या से चित्रकूट तक बनने वाले 210 किमी लंबे इस मार्ग को वनगमन मार्ग कहा जाएगा.
भगवान श्री राम ने अपने वनवास के साढ़े 11 वर्ष चित्रकूट में बिताए थे. प्रभु श्रीराम को पेड़ पौधों से बहुत लगाव था. इसलिए माता सीता को वह उपहार में फूल पौधों के आभूषण देते थे. शायद इसीलिए चित्रकूट के प्रकृति सौंदर्य को देखकर लाखों श्रद्धालु भगवान श्रीराम से जुड़े जन्म स्थलों को देखने के लिए चित्रकूट आते हैं. इसीलिए उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धालुओं को त्रेता युग की अनुभूति कराने के लिए चित्रकूट में रामायण काल का रामवन तैयार करने जा रही है.
चित्रकूट जिले के देवांगना हवाई पट्टी के पास रामायण काल के पौधों से राम वन तैयार किया जाना है. जिसमें पहला पौधा केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और उत्तर प्रदेश सरकार के जल शक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह लगाएंगे जिसको लेकर चित्रकूट का वन विभाग और जिला प्रशासन तैयारियों पर जोरों से जुटा रही है. चित्रकूट के दीवानगना हवाई पट्टी पर बनने वाले रामायण कालीन राम वन शहर से महज 6 किलोमीटर दूर है, जो देवांगना हवाई पट्टी के नजदीक 35 एकड़ भूमि में रामायण कालीन राम वन बनेगा. इस रामवन में 15 प्रजातियों के पेड़ पौधे लगाए जाएंगे जिसमें चंदन, अशोक, बरगद, आम, पलाश, चमेली, धामन, कुंद, रीठा समेत तमाम पेड़ पौधे लगाए जाएंगे. जो लगभग साढ़े 38 हजार इस राम वन में पौधे लगाए जाएंगे. इसके अलावा इस रामायण कालीन राम वन में औषधि वाटिका भी बनाया जाएगा.
3 चरणों में पूरा होगा वनगमन मार्ग का निर्माण
अयोध्या से चित्रकूट तक के वनगमन मार्ग का निर्माण 3 चरणों में किया जाएगा. मार्ग निर्माण के साथ ही उन इलाकों का विकास को भी इससे जोड़ा जाएगा. इससे इन इलाकों का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विकास के साथ ही आर्थिक लिहाज से भी तस्वीर बदलेगी. यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने इस बारे में मंगलवार को जानकारी दी। मौर्य ने बताया कि लोक निर्माण विभाग के द्वारा इस डेवलपमेंट का पूरा खाका तैयार कर लिया गया है. जल्द ही भूमि अधिग्रहण, एलाइनमेंट और अन्य प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा. यह वनगमन मार्ग मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के जीवन दर्शन से जुड़ा हुआ है. इन रास्तों पर निर्माण कार्य करके इन क्षेत्रों का विकास किया जाएगा.
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