दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण का कहर जारी है. लोगों का सांस लेने में काफी दिक्कतें होने लगी हैं. राजधानी की हवा में जहर घुलने से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पर रहा है. जानकार इसे किसानों द्वारा खेतों में जलाई जाने वाली पराली को मान रहे हैं. प्रदूषण की इस विकट समस्या को देखते हुए यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath government) ने एक नेक पहल की है. सीएम योगी ने किसानों से अपील की है कि खेतों में पराली (Parali) न जलाएं, सरकार इसकी कीमत देगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कि किसानों को पराली की कीमत देने के प्रयास किए जा रहे हैं. पराली से बायोफ्यूल बनाया जाएगा. हर जिले में बायो फ्यूल प्लांट लगाएं जाएंगे. सीएम योगी आदित्यनाथ बुधवार को लोकभवन में गन्ना विभाग के वेब पोर्टल व ई-गन्ना मोबाइल एप का शुभारंभ करने के बाद किसानों को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने किसानों से पराली न जलाने और अधिक से अधिक पौधे लगाने की अपील की.
सीएम योगी ने कहा कि पराली में आग लगाने से भूमि की उर्वरता खत्म होती है और प्रकृति के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ता है. मनुष्य व अन्य जीव जंतुओं के साथ पेड़-पौधों में भी जीवन होता है. पराली जलाने से खेती के लिए उपयोगी कीट नष्ट हो जाते हैं. पराली को कूटकर जुताई करने और पानी देने से वह खेत में कंपोस्ट का काम करती है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि गन्ना पेराई सीजन प्रारंभ हो गया है. कुछ किसान गन्ने की पत्तियों में भी आग लगा देते हैं.यह भी पराली जलाने की तरह खेती व पर्यावरण के लिए नुकसानदायक है. उन्होने कहा कि गन्ने की पत्ती व खरपतवार जलाना धरती माता और प्रकृति के साथ अन्याय है. किसानों का धरती से प्रगाढ़ संबंध होता है इसलिए उन्हें अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए. उन्होंने कहा कि किसानों को पराली की कीमत देने के प्रयास किए जा रहे हैं. इसका उपयोग बायो फ्यूल बनाने में किया जाएगा.
सीएम योगी ने कहा कि आईओसी, भारत पेट्रोलियम व अन्य कंपनियों से बातचीत चल रही है. सीतापुर व गोरखपुर में बायोफ्यूल के प्लांट लग रहे हैं. इनका प्रयोग सफल रहा तो हर जिले में बायो फ्यूल की एक-दो यूनिट लगाई जाएंगी. उन्होंने किसानों से यह भी अपील की कि अधिक से अधिक पौध लगाएं. इससे जीव जंतुओं के अनुकूल वातावरण बनेगा.
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