महाकुम्भ में संयम, साधना और तप की त्रिवेणी का साक्षी बनेगा कल्पवास, खास इंतजाम कर रही योगी सरकार

Mahakumbh 2025: प्रयागराज के संगम तट पर आयोजित महाकुम्भ में आस्था और भक्ति का सबसे बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक समागम देखने को मिलेगा। यहां पर तप, साधना और संयम की त्रिवेणी प्रवाहित हो रही है, जिसमें प्रमुख रूप से कल्पवास शामिल है। कल्पवास की शुरुआत पौष पूर्णिमा से होगी, जब लाखों श्रद्धालु गंगा और यमुना की रेत पर तंबुओं में एक माह तक साधना करेंगे।

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योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार ने महाकुम्भ के दौरान कल्पवासियों के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। प्रशासन के अनुसार इस बार लगभग सात लाख कल्पवासी महाकुम्भ में भाग लेंगे। एडीएम महाकुम्भ विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि इन श्रद्धालुओं के लिए मेला क्षेत्र में करीब 900 बीघे जमीन पर तंबू लगाए जाएंगे। कल्पवासियों को गंगा के किनारे के पास बसेरा दिया जाएगा, ताकि उन्हें गंगा स्नान के लिए दूर न जाना पड़े।

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स्वच्छता पर विशेष ध्यान

प्रयागराज महाकुम्भ को दिव्य और भव्य बनाने के साथ-साथ योगी सरकार ने स्वच्छता को प्राथमिकता दी है। मेला क्षेत्र में स्वच्छता के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। एसडीएम मेला अभिनव पाठक के अनुसार, कल्पवासियों के शिविरों में भी स्वच्छता बनाए रखने के लिए कलर कोडेड डस्टबिन लगाए जाएंगे। इन डस्टबिन में सूखे और गीले कूड़े के लिए अलग-अलग जगहें होंगी। गंगा किनारे कूड़ा जमा न हो, इसके लिए भी वहां डस्टबिन रखे जाएंगे। इसके साथ ही कल्पवासियों से अपील की जाएगी कि वे शिविरों में सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग न करें। इसके लिए पोस्टर भी लगाए जाएंगे।

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अलाव की व्यवस्था से शीतलहरी से बचाव

महाकुम्भ में कल्पवास के दौरान माघ मास में कड़ाके की ठंड रहती है। इस ठंड से बचाव के लिए प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए हैं। एसडीएम अभिनव पाठक के अनुसार, कल्पवासियों के शिविरों के बाहर अलाव जलाने की व्यवस्था की जाएगी ताकि वे ठंड से सुरक्षित रह सकें। इस प्रकार प्रयागराज महाकुम्भ में तप, साधना और संयम का यह ऐतिहासिक आयोजन एक बार फिर श्रद्धालुओं के बीच आस्था और भक्ति की प्रेरणा का स्रोत बनेगा।

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