Mahakumbh 2025: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार महाकुंभ 2025 को श्रद्धालुओं के लिए पूरी तरह सुरक्षित बनाने के लिए कड़ी तैयारियां कर रही है। खासकर आग की घटनाओं पर नियंत्रण पाने के लिए अग्निशमन विभाग द्वारा कई अत्याधुनिक उपकरणों और नई तकनीकों का उपयोग किया जाएगा। सरकार का उद्देश्य इस महाकुंभ को “जीरो फायर इंसिडेंट” के रूप में संपन्न कराना है।
नई व्यवस्था: बढ़ाई गई मैनपावर और उपकरण
महाकुंभ 2025 के दौरान आग लगने की घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए मैनपावर और उपकरणों की संख्या में भारी वृद्धि की गई है। फायर डिटेक्शन और मॉनीटरिंग के लिए एआई से लैस स्मार्ट कैमरों को तैनात किया जाएगा। इन कैमरों के माध्यम से आग की घटनाओं की तत्काल सूचना कंट्रोल रूम को भेजी जाएगी, जिससे घटनास्थल तक फायर ब्रिगेड की गाड़ियां सिर्फ दो मिनट में पहुंच सकेंगी।
5,000 फायर एक्सटिंगुशर और 351 फायर व्हीकल्स की तैनाती
अखाड़ों और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आग की घटनाओं से निपटने के लिए 5,000 विशेष फायर एक्सटिंगुशर मुहैया कराए जा रहे हैं। इसके अलावा, महाकुंभ के दौरान कुल 351 फायर व्हीकल्स तैनात किए जाएंगे, जो 2019 के मुकाबले लगभग दोगुनी संख्या है। 2019 में जहां 43 टेंपरेरी फायर स्टेशन बनाए गए थे, वहीं इस बार 50 स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। इसके अलावा, 20 टेंपरेरी फायर पोस्ट, 50 फायर वॉच टॉवर और 7,000 से ज्यादा फायर हाइड्रेंट्स लगाए जाएंगे।
स्पेशल ट्रेनिंग और रिस्पांस टाइम में सुधार
फायर कर्मियों के लिए विशेष ट्रेनिंग कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिसमें प्रैक्टिकल सेशन भी शामिल हैं। सरकार ने राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर फायर सर्विसेज के साथ समझौते किए हैं ताकि कुंभ में संभावित घटनाओं के लिए व्यापक तैयारी की जा सके। उत्तराखंड फायर एंड इमरजेंसी सर्विस और नेशनल फायर सर्विस कॉलेज नागपुर के साथ एमओयू साइन किए गए हैं, जो बाहरी ऑडिट और प्रशिक्षण में मदद करेंगे।
अत्याधुनिक उपकरणों का होगा इस्तेमाल
2019 में 55 फायर इंसिडेंट्स के बावजूद कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ था, लेकिन इस बार सरकार का लक्ष्य इन घटनाओं की संख्या को शून्य पर लाना है। 2013 में महाकुंभ में 612 फायर इंसिडेंट्स हुए थे, जिनमें 6 लोगों की मौत हो गई थी और 15 लोग गंभीर रूप से जल गए थे। इस बार के महाकुंभ में आग की घटनाओं पर काबू पाने के लिए पहले से कहीं अधिक अत्याधुनिक उपकरणों का उपयोग किया जाएगा।
योगी सरकार का यह प्रयास है कि महाकुंभ 2025 का आयोजन न केवल एक धार्मिक और सांस्कृतिक घटना हो, बल्कि यह एक मिसाल बने कि सुरक्षा के मामले में सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी है।
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